उत्तर प्रदेश/न्यूज डेस्क/Etv News 24
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की कुंडा विधानसभा से विधायक जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया ने महाकुंभ में दिव्य प्रेम सेवा मिशन की ओर से आयोजित प्रोग्राम को शुक्रवार को संबोधित किया।
राजा भइया ने कहा कि हैदराबाद के एक नेता ने कहा कि पुलिस हटा दो तो 15 मिनट में पता चल जाएगा।ऐसा नहीं लगता कि यदि हम गंभीरता से सोचें तो काफी हद तक उसकी बात सही है।यदि ऐसा हो जाए तो लगभग आधा हिंदू एक झटके में साफ हो जाएगा।राजा भइया ने कहा कि आखिर हमारे पास है क्या,ना तो हम वंश वृद्धि कर रहे हैं और ना शस्त्र संचय कर रहे हैं।आज हिंदू समाज को बहुत सी बुराइयां खत्म करनी होंगी।इसके अलावा अपने अस्तित्व के लिए भी प्रयास करने होंगे।
राजा भइया ने कहा कि यह बात सत्य है कि शास्त्रों से रक्षा नहीं हो सकती।संस्कृतियों की रक्षा के लिए शस्त्र जरूरी हैं। राजा भइया ने कहा कि तक्षशिला खत्म नहीं होता।एक लुटेरे ने नालंदा को आग के हवाले कर दिया।महीनों तक वहां पुस्तकें जलती रहीं।हमारे प्रभु ने जब-जब अवतार लिया तो उन्होंने अस्त्र धारण किए।राजा भइया ने कहा कि भगवान राम को जब वनवास हुआ तो वह सब कुछ छोड़ गए, लेकिन अपने अस्त्र साथ लेकर गए। राजा भइया ने कहा कि हम मां की उपासना करते हैं तो वह भी शस्त्र सज्जित रहती हैं।हनुमान जी के हाथ से गदा नहीं छूटी और शिवजी के हाथ में त्रिशूल हमेशा रहता है।शास्त्र यह कहते हैं कि कब किसका प्रय़ोग करें,लेकिन वे यह नहीं कहते कि शस्त्र छोड़ दें,लेकिन सोचने की बात है कि हिंदू कर क्या रहे हैं। वे ना वंश बढ़ा रहे हैं और ना शस्त्र उनके पास हैं।राजा भइया ने कहा कि हम देखते हैं कि मूर्ति विसर्जन पर भी हमले होते हैं।हमने किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा।भारत में किसी ने भी शरण मांगी तो उसे मिली।हमारी यह शर्त तो नहीं थी कि धर्म बदल लो तभी ऐसा होगा।
राजा भइया ने कहा कि भारत में मुसलमान,यहूदी और तिब्बती सभी को जगह दी गई। किसी भी भारतीय को इस पर आपत्ति नहीं थी,लेकिन समस्या तब शुरू होती है जब आप कहें कि जो मेरा ईश्वर है,उसी को मानना होगा।ऐसा नहीं करोगे तो मारे जाओगे,हमले होंगे और आतंकी धमाके होंगे। राजा भइया ने कहा कि यह हमले चाहे काशी, प्रयागराज, अक्षरधाम में हों या फिर भारत की संसद में हों। राजा भइया ने कहा कि यह हर कोई मानेगा कि जितनी ज्यादा लूट, बलात्कार और हत्या हिंदुओं के साथ धर्म के नाम पर हुई है उतनी किसी और के साथ नहीं हुई है।हमने शस्त्र छोड़े और जातियों में कूटनीति के नाम पर बांट दिए गए।राजा भइया ने कहा कि यह बात सही है कि सनातन से पहले कुछ नहीं था,जो भी धर्म और पंथ आए वह सनातन के बाद आए थे। सनातन की ऐसा धर्म है कि इसमें देवताओं ने अवतार लिए। राजा भइया ने कहा कि कुंभ में सनातन के ध्वजवाहक आते हैं।अब राजतंत्र नहीं है,लेकिन जब ऐसी व्यवस्था थी तो सभी राजाओं के मातहत आते थे।यहां वे अपनी समस्याओं के बारे में बात करते थे और संतों से मार्गदर्शन लेकर अपने राज्यों में कल्याणकारी योजनाएं लाते थे।यही कुंभ का असली अमृत हुआ करता था।महाराज शिवाजी का जिक्र करते हुए राजा भइया ने कहा कि भारत में बहुत लोग अपने साम्राज्य को बचाने और स्थापित करने के लिए लड़ाई लड़ी,लेकिन महाराज शिवाजी ऐसे थे, जिन्होंने हिन्दवी स्वराज्य की स्थापना की। उनसे प्रेरणा लेने की जरूरत है।राजा भइया ने कहा कि मैं यह मानता हूं कि इस्लाम से हमें बहुत कुछ सीखने की भी आवश्यकता है।ईमानदारी से सोचें कि क्या हमारे पास भी अपने मजहब को लेकर उतनी ही तत्परता है।वे मस्जिद जाते हैं तो उनकी इबादत में यह बात रहती है कि इस्लाम कैसे बढ़े। राजा भइया ने शस्त्र धारण को जरूरी बताया और कहा कि आज यदि देश सुरक्षित है तो सेना के कारण है। यह इसलिए नहीं है कि हम प्राचीन देश हैं और हम बड़े ज्ञानी हैं।राजा भइया ने कहा कि आज देखें कि इजरायल यदि अस्तित्व बचाए हुए हैं तो वह अपने शस्त्र बल के कारण है। हमारे यहां नागा अखाड़ों की स्थापना शस्त्रों के आधार पर ही हुई। औरंगजेब ने जब काशी विश्वानाथ मंदिर पर हमला कराया तो नागा साधुओं ने खदेड़ दिया। यह अलग बात है कि फिर 5 साल बाद उसने मंदिर तोड़ दिया।