डेहरी/रोहतास
लॉकडाउन को ले एक तरफ पूरा देश थम गया है। वहीं दूसरी तरफ शादियां कैंसल होने लगी है। कोरोना वायरस ने कई दूल्हों को अपनी दुल्हन के साथ ब्याह रचाने पर आफत ला दी है। 14 अप्रैल से हिन्दू कैलेंडर के अनुसार खरमास समाप्त होने के साथ में शहनाई बजने वाली थी। सरकार द्वारा 14 अप्रैल तक लॉकडाउन घोषित किया गया है। हालात नहीं सुधरे तो लॉकडाउन की अवधि बढ़ने की संभावना है।
बाजार बंद होने से शादियों के लिए ना दूल्हा-दुल्हन के जोड़े मिल रहे हैं, ना अन्य सामान। रेल परिचालन बंद होने से रिश्तेदार नहीं आ सकते हैं। ऊपर से कोरोना का भय लोगों को घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं दे रहा है। विजय बहादुर सिंह ने बताया कि 18 अप्रैल को उनकी बिटिया की शादी है। जिसके लिए जनवरी माह में टेंट पंडाल बुक किया था। एडवांस दिया था। लेकिन अब इनकार किया जा रहा है। वाहन नहीं चल रहे हैं। बारात आएगी कैसे। बाजार बंद होने से आभूषण, कपड़े व खानपान के सामान नहीं मिल रहे हैं टेंट संचालक गणेश प्रसाद ने बताया कि टेंट लगाने, मंडप सजाने का कार्य कारीगरों द्वारा किया जाता है। कारीगर दूसरे शहरों से आते हैं। अभी अपने घर चले गए हैं। लॉकडाउन समाप्त नहीं होती, तब तक आएंगे कैसे। ऐसे में उनके पास काम छोड़ने के अलावे कोई रास्ता नहीं है। यहीं परिस्थिति लाइट, पान, बैंड, मिठाई व फूल वाले का है।