प्रधान / संपादक / सरफराज आलम /Etv News 24
पटना। जदयू मीडिया सेल प्रदेश कार्यसमिति सदस्य के के श्रवन ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बिहार का रक्षक बताया है उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार की जनता को अपना परिवार मानते हैं तथा जो भी निर्णय ले रहे हैं जनहित में ले रहे हैं कुछ लोग सिर्फ हवाबाजी के दम पर संकट की इस घड़ी में भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे, नीतीश कुमार नीतियों के आधार पर चलने वाले नेता है।
उन्हें पता है कि वह एक राज्य के संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति हैं और साथ ही बिहार के अभिभावक की भूमिका भी निभानी है। उन्हें देश के सीनियर नेताओं में होने का आज भी लिहाज रखना है और आदर्श भी प्रस्तुत करना है की जो भी कार्य हो वह संविधान के दायरे में हो, प्रशासनिक दिशा निर्देशों के तहत हो, ऐसा समझ बड़बड़ करने वाले नेताओं को कहां से होगी। राज्य सरकार को अपने 1-1 नागरिकों की चिंता है यदि चिंता नहीं होती तो सबसे पहले बाहरी राज्यों में रहने वाले मजदूरों को 1000 रुपये हस्तांतरित करने वाला राज्य बिहार नहीं होता।
केंद्र सरकार ने लॉक डाउन की घोषणा की थी उसे लागू होने के बाद एक राज्य के तौर पर किसी भी मुख्यमंत्री को उसे तोड़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए थी। यदि कोई समस्या हो, नागरिकों के जीवन मरण का प्रश्न हो तो ऐसी चुनौतियों को भी कानून के दायरे में ही निपटा जाना चाहिए। लेकिन बिहार के बकबक नेता कभी ट्विटर पर तो कभी फेसबुक पर आकर गैर जिम्मेदाराना बयान देते रहते हैं।
अब जबकि नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर यह आदेश पारित करा लिया है की लॉक डाउन की अवधि के दौरान अन्य राज्यों में फंसे नागरिकों को अपने राज्य में लाया जा सकता है तो आज हम बकबक नेता पप्पू यादव और ट्विटर नेता तेजस्वी यादव से अनुरोध करते हैं यह लोग बस का इंतजाम कर अन्य राज्यों में फंसे तमाम बिहारियों को वापस लाए और साबित करें कि यह महज राजनीति नहीं सेवा भी करते हैं।