डेहरी ओन सोन रोहतास
संवाददाता-मदन कुमार
सम सोसायटी ऑफ इंडिया के संस्थापक अध्यक्ष गिरिजा धारी पासवान ने बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर की 129वीं जयंती को कोरोना वायरस के कारण देश भर में लागू लॉकडाउन का पूर्णतः पालन करते हुए अपने ही आवास पर बड़े ही हर्षोल्लास के साथ दीप प्रज्वलित कर मोमबतियां जलाकर एवं केक काटकर धूम धाम से मनाया । इस अवसर पर उपस्थित पत्नी सुनीता पासवान, सुपुत्री ओमजस्वी राज चाँदनी, सुपुत्र रौशन राही, सत्यमेव जयते एवं नाती प्रीतम कुमार को संबोधित करते हुए उन्होंने बाबा साहेब के जीवन पर विशेष प्रकाश डालते हुए कहा कि देश में बाबा साहेब की प्रासंगिकता काफी बढ़ गई है, पूरे विश्व में बाबा साहेब को सम्मान एवं आदर के साथ याद किया जाता है ।बाबा साहेब का जन्म जिस समाज में हुआ था वो बहुत असहनीय ,अनादरपूर्ण, भेदभाव, छुआछूत, जाति पाती, से भरा पड़ा था ,समाज में सम्मानपूर्वक जीना काफी दुष्कर था उसके उपर गरीबी का विशाल काली साया उनके साथ काली घटा की तरह मंडरा रही थी. फिर भी वे चट्टान की भाँति डटे रहकर सभी मुसिबतों का सामना किया ।उन्होने शिक्षा को अपना हथियार बनाया और समाज की सारी कुरीतियो एवं बुराईयों को कलम रूपी तलवार से काटकर देश की जनता को संविधान के माध्यम से समानता, स्वतंत्रता, न्याय और बंधुता का अधिकार स्थापित किया. समानता का अनमोल अधिकार देकर सबको एक पदान पर खड़ा होने का सुनहरा अवसर प्रदान किया. एक कलम की धार से असमानता की जडे़ हिला कर कब्र में सदा के लिए दफना दिया. संविधान में शिक्षा का अधिकार और वोट का अधिकार देकर एक तरफ बाबा साहेब ने सबको आगे बढ़कर देश का नेतृत्व करने का रास्ते प्रशस्त किया ,लोग शिक्षा प्राप्त कर उन्नति के शिखर पर आगे बढ़ने लगे और उनका जीवन शैली में आमूलचूल परिवर्तन आ गया तो दूसरी तरफ वोट के अधिकार से रानी के पेट से राजा का पैदा होना बंद हो गया. वन मैन, वन वोट, वन वैल्यू का अधिकार स्थापित हुआ ।
आज संविधान का ही देन है कि सबको समान अवसर मिल रहा है. महिलायें पढ़लिखकर उन्नति की प्रथम पदान पर विराजमान है. एक चपरासी से लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तक के पद पर सुशोभित है, ये संविधान का ही देन है कि नारी सशक्त हुई, हरेक क्षेत्र में परचम लहरा रही है.
बाबा साहेब के विचारधारा को अपना कर ही भारत विकसित और विश्वगुरु बन सकता है। देश में नफरत फैला कर भारत को हम आगे नहीं ले जा सकते हैं. गौतम बुद्ध और बाबा साहब के अहिंसा तथा शांति से ही विश्व के दिलो पर राज किया जा सकता है. बाबा साहेब का लिखा हुआ संविधान ही भारत की आन, बान और शान है. ये ही संविधान भारत की आत्मा है. जबतक आत्मारूपी संविधान ज़िंदा है. भारत पर किसी की बूरी नजर भी नही पड़ सकती है।