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शादी का झांसा देकर धर्म परिवर्तन कराने व दुष्कर्म प्रयास के केस में एफटीसी कोर्ट ने दोषी को सुनाई सजा

उत्तर प्रदेश सुल्तानपुर

शादी का झांसा देकर धर्म परिवर्तन कराने व दुष्कर्म प्रयास के केस में एफटीसी कोर्ट ने दोषी को सुनाई सजा कोर्ट ने दोषी को पांच वर्ष के कारावास व 25 हजार रुपये अर्थदण्ड की सुनाई सजा,दो दिन पूर्व ठहराया गया था दोषी युवती का धर्म परिवर्तन कराकर दोषी ने शादी की अलग-अलग तिथि दिखाकर तैयार कराया था दो निकाहनामा दोनों निकाहनामे में लिखी शादी की तिथियों में अंतर होने के चलते कोर्ट ने माना गलत,नहीं दी राहत

रिपोर्ट – ( etv न्यूज 24 ) वागीश कुमार

सुल्तानपुर – युवती को शादी का झांसा देकर धर्म परिवर्तन कराने एवं दुष्कर्म का प्रयास करने के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम की अदालत ने दोषी की सजा के बिंदु पर शनिवार को सुनवाई की। सत्र न्यायाधीश पूनम सिंह की अदालत ने दोषी वाजिद अली को पांच वर्ष के कारावास व 25 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।
मामला संग्रामपुर थाना क्षेत्र के शीतलागंज बाजार से जुड़ा हुआ है। जहां के रहने वाले वाजिद अली के खिलाफ पीड़ित लड़की के पिता ने वर्ष 2012 में मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक उसकी पुत्री को अकेला पाकर आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। जिस पर लड़की चिल्लाने लगी तो आवाज सुनकर पहुँची भीड़ ने युवक की जमकर पिटाई कर दी। यहीं नही आरोपी ने उसे दिल्ली ले जाकर उसका धर्म परिवर्तन कराकर निकाहनामा भी तैयार कराया एवं उसके बाद सुल्तानपुर ले आया। जहाँ उसने शादी की अलग तारीख दिखाते हुए एक नोटरियल निकाहनामा भी तैयार कराया। इस मामले में पीड़ित युवती के पिता की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ, तफ्तीश के दौरान बरामद लड़की ने कोर्ट में आरोपी के खिलाफ बयान दिया और अपने साथ हुई घटना के संबंध में आप बीती बताई,फिलहाल लड़की ने अपने बयान में दुष्कर्म की बात नही बताई थी। मामले में आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई ,जिसके विचारण के दौरान प्रथम की अदालत में बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने एक गवाह को पेश किया।वहीं शासकीय अधिवक्ता ने चार गवाह परीक्षित कराते हुए अपने साक्ष्यो को प्रस्तुत किया। बचाव पक्ष ने साक्ष्य में आरोपी के जरिए पीड़िता के साथ हुए निकाहनामा भी पेश किया। फिलहाल एडीजीसी दान बहादुर वर्मा ने दिल्ली में हुए निकाहनामा एवं सुल्तानपुर में तैयार कराए गए नोटरियल निकाहनामे में शादी की अलग-अलग तिथियां होने पर दोनों ही निकाहनामा को अवैध करार देते हुए आरोपी को दोषी ठहराने की मांग की। कोर्ट के जरिये पारित आदेश का अनुपालन कराकर गवाहो को अदालत तक बुलाने में कोर्ट मोहर्रिर राजनाथ यादव की अहम भूमिका रही। जिसके चलते मामले के शीघ्र निस्तारण में मदद मिली। मामले में उभय पक्षो को सुनने के पश्चात न्यायाधीश पूनम सिंह ने आरोपी को दुष्कर्म के प्रयास समेत अन्य आरोपो में बीते गुरुवार को ही दोषी करार दिया था। जिसकी सजा की बिंदु पर शनिवार को सुनवाई चली। न्यायाधीश पूनम सिंह ने दोषी को पांच वर्ष के कारावास एवं 25 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। अदालत ने अर्थदण्ड की धनराशि पीड़िता के पिता को देने का आदेश पारित किया है।

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