प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
टीकाकरण के लिए सिर्फ ऑनलाइन बाध्यता नहीं, स्पॉट पंजीकरण की व्यवस्था कर छात्र – युवाओं को दे नि:शुल्क टीका सरकार – सुनील
कोरोना इलाज में निजी अस्पतालों व जांच घरों के मनमानी पर लगाई रोक सरकार – लोकेश
आज ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) के राष्ट्रीय प्रतिवाद दिवस के तहत शहर के शास्त्री गली में जिला सह सचिव प्रीति कुमारी एवं जितवारपुर में जिला उपाध्यक्ष मनीषा कुमारी तथा विवेक-विहार मोहल्ला स्थित निजी आवासीय परिसर में लॉक डाउन का पालन करते हुए आइसा जिला अध्यक्ष लोकेश राज के अध्यक्षता तथा जिला सचिव सुनील कुमार के संचालन में हाथों में मांगों से संबंधित नारे लिखे कार्डबोर्ड लेकर स्वास्थ्य व्यवस्था के स्थाई इंफ्रास्ट्रक्चर को बहाल करो,डॉक्टर्स पारा मेडिकल कर्मचारी की बहाली करो, टीकाकरण के लिए सिर्फ ऑनलाइन बाध्यता नहीं, स्पॉट पंजीकरण की व्यवस्था करो, निजी अस्पतालों एवं जांच घरों के मनमानी पर रोक लगाओ पीएचसी, अनुमंडलीय अस्पताल, सदर अस्पताल में जीवन रक्षक दवाएं, पर्याप्त बेड़, आईसीयू, वेंटीलेटर एवं अन्य बुनियादी सुविधा बहाल करने की मांग कर रहे थे.
वहीं धरना सभा को संबोधित करते हुए आइसा जिला सचिव सुनील कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी के दूसरे चरण ने सरकार के स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है जहां स्वास्थ्य व्यवस्था की बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है इससे भी कहीं ज्यादा सरकार की इच्छाशक्ति की अभाव दिखा हैं जिसका परिणाम है कि हजारों प्रोफ़ेसर, शिक्षक, डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मचारी, नौकरशाह एवं आम नागरिकों को हमने खोया है।
जहां एक ओर अपने ही देश में वैक्सीन की आपूर्ति नहीं हो पा रहा हैं। और वैक्सीन की कमी से भारत के छात्र- युवा जूझ रहे हैं। मोदी सरकार ने 15 अगस्त 2020 को ही दावा किया था कि उनका टीकाकरण योजना तैयार है लेकिन सच्चाई यह है कि टीकाकरण के लिए 35000 करोड रुपए के बजट अलोकेशम के बावजूद मोदी सरकार ने पर्याप्त ऑर्डर नहीं दिए वैक्सीन बनाने के लिए तथा कोरोना महामारी के दूसरे चरण से निपटने के बगैर योजना बनाएं हुआ साढ़े छे लाख वैक्सीन विदेशों में भेजी दी गई जिसके कारण देश में पॉजिटिविटी रेट तेजी से बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के माध्यम से आइसा मांग करती हैं कि कारपोरेट्स की मुनाफाखोरी बंद कर 18 वर्ष से अधिक आयु के छात्र- युवाओं के लिए नि:शुल्क टीकाकरण सुनिश्चित करते हुए निजी अस्पतालों एवं जांच घरों के मनमानी पर रोक लगाते हुए सरकारी अस्पतालों में बुनियादी सुविधा बहाल करने तथा मरीजों के साथ- साथ डॉक्टर, नर्स, कर्मचारी की सुरक्षा की गारंटी करने एवं पंचायतों में बंद पड़े स्वास्थ्य केंद्र को चालू कर जांच व इलाज की व्यवस्था किया जाये.
वही धरना सभा में ऐसा जिला कमेटी सदस्य दीपक कुमार, स्तुति सिंह, आशीष कुमार देव, दीपक यदुवंशी, सोनू कुशवंशी इत्यादि उपस्थित थे।