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जागरूकता ही एड्स से बचाव कर सकता है —-डॉ एसबी प्रसाद

संवाददाता पुष्पा कुमारी

डेहरी नगर
एड्स एक ऐसी बीमारी है जो किसी इंसान की संक्रमण से लड़ने की शरीर की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है ।अब तक एड्स का कोई प्रभावी इलाज नहीं है।जागरूकता ही एड्स से बचा सकता है ।
महिला कॉलेज में एन एस एस व एक भारत सर्व श्रेष्ठ भारत यूथ क्लब द्वारा आयोजित विश्व एड्स दिवस पर उक्त बातें चिकित्सक डॉ एस बी प्रसाद ने शनिवार को कही ।
उन्होंने कहा कि इसका पहला लक्षण 2 से 6 सप्ताह के बीच में दिखाई देता है ।इसमें धीरे-धीरे मनुष्य का इम्यून सिस्टम बिगड़ता है ।प्राइमरी एचआईवी इनफेक्शन में तेज बुखार जैसा तबीयत खराब होगा ।
जिसमें बुखार ,डायरिया ,उल्टी होता है ।ऐसा एक 2 हफ्ते तक होता है ।
उन्होंने बताया कि शुरुआती लक्षण में अगर आप डॉक्टर से सलाह लेते हैं तो आपको एंटी एच आई वी टेस्ट तक देख कर इस बीमारी से बचा सकते हैं। इस को पीईपी भी बोला जाता है।
उन्होंने बताया कि दूसरे से चिकित्सक इस वायरस को खत्म करने के बाद भी दवा चलाते हैं। ऐसे संक्रमित इंसान के साथ 10 सालों से ज्यादा वक्त भी हो सकता है। हालांकि फिर संक्रमित व्यक्ति हर वक्त थकान गले के आसपास सूजन, वजन घटना ,मुंह गले में इंफेक्शन महिलाओं के गुप्तांग में इन्फेक्शन होना होता है ।
डॉ प्रसाद ने कहा कि एचआईवी वायरस के एडवांस और आखिरी स्टेज को एड्स कहा जाता है यह आपको तब होता है जब आपके शरीर में सिटी 4 टी सेल् के नंबर 200 से भी कम हो जाते हैं। आमतौर पर इस सेल् की संख्या 500 से 1000 के बीच होती है। हालांकि से पहले स्टेज में एड्स डिफाइनिंग इलनेस वाले संक्रमित व्यक्ति को एड्स से बचाया जा सकता है ।इस स्टेज में सार्कोमा और निमोनिया जैसी बीमारी होती है। उन्होंने बताया कि अगर आखिरी स्टेज में शरीर में एचआईवी वायरस ज्यादा फैल जाता है और एड्स से पीड़ित व्यक्ति दवाई नहीं लेता है ।वह सिर्फ ढाई से 3 साल तक जीवित रह सकता है।
चिकित्सक ने छात्राओं के एड्स से संबंधित सवालों के जवाब दिया ।
कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ प्रसाद प्राचार्य डॉ सतीश नारायण लाल ने दीप प्रज्वलित कर किया। प्राचार्य ने आगत चिकित्सक डॉक्टर प्रसाद का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष विश्व एड्स दिवस पूरे विश्व में 1 दिसंबर को लोगों को एड्स के बारे में जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। एचआईवी वायरस के संक्रमण के कारण होने वाली यह महामारी का रोग है। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर विकास नारायण त्रिवेदी ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन एनएसएस के कार्यक्रम पदाधिकारी आशुतोष कुमार ने किया ।इस मौके पर कॉलेज के व्याख्याता डॉ अजित कुमार सिंह ,डॉ मधुरीमा मिश्र ,डॉ गीता पांडेय ,डॉ पुष्पा महाराज ,डॉ शोभा पांडेय ,डॉ बिक्रमा राय ,डॉ फरीद अहमद व छात्राएं मौजूद थे

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