• युवाओं की मदद से किन्नरों की आंखों में छलका आँसू, दिया आशीर्वाद
• लॉक डाउन की वजह से भुखमरी की कगार पर पहुंचा किन्नर समाज
रोहतास ब्यूरो चीफ संदीप भेलारी
सासाराम रोहतास कोरोना संक्रमण महामारी को लेकर लगाए गए लॉक डाउन की मार आज सब लोग झेक रहे हैं। सबसे अधिक परेशानी फुटपाथी दुकानदारों या मेहनत मजदूरी करने वाले लोगों के सामने देखी जा रही है। हालांकि लॉकडाउन में कुछ छूट की वजह से फुटपाथी या मजदूरों को थोड़ी राहत मिल रही है। साथ ही साथ सामाजिक संगठनों एवं अन्य माध्यमों से गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को राशन या अन्य सामग्रियां पहुंचाई जा रही है। परंतु समाज में एक वर्ग ऐसा भी है जहां अब किसी की नजर नहीं पड़ी है। वह समुदाय है किन्नर समुदाय। इस समुदाय का मुख्य पेशा ट्रेनों में पैसे मांग कर गुजारा करना है। परंतु संक्रमण को लेकर अभी तक बंद चल रहे अधिकांशतः ट्रेनों की वजह से किन्नर समाज के लोगों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न आ गई है, क्योंकि उनके पास अब कोई कमाई का जरिया नहीं है।
कुछ युवाओं की पड़ी नज़र तो आये आगे
रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम के तकिया मोहल्ले में रह रहे किन्नर समाज की दयनीय स्थिति देखकर जब कुछ युवाओं की नजर उन पर पड़ी तो उन लोगों ने तुरंत उनकी मदद के लिए आगे आए। बता दें कि जिला मुख्यालय में नर सेवा नारायण सेवा के युवा सदस्य स्टेशनों एवं फुटपाथों पर जिंदगी गुजर बसर कर रहे लोगों के बीच अक्सर भोजन एवं अन्य सामग्री पहुंचाते रहते हैं। इस दौरान जब उन्हें जानकारी मिली की कुछ किन्नर समाज के लोगों के सामने भूखमरी की स्थिति है तो तुरंत नर सेवा नारायण सेवा तथा गूंज संस्था के युवाओं ने अपने पैसों से काफी मात्रा में चावल, दाल, आटा, चायपत्ती, साबुन, हल्दी, सब्जी मसाला सहित अन्य कच्चा राशन खरीद कर सभी किन्नर सदस्यों के घर पहुंचाया। संस्था के सदस्यों ने बताया कि वे लोग हमेशा गरीबों के बीच राहत सामग्री बांटते रहते हैं, परंतु इस लॉकडाउन में लगातार वे लोग जरूरतमन्दों एवं असहाय लोगों के बीच राशन वितरण कर रहे हैं। इसी दौरान जब उनको किन्नर समाज के बारे में जानकारी मिली तो तुरंत एक दूसरे से संपर्क साध कर बाजार से सामग्री खरीद कर किन्नर समाज के लोगों को पहुंचाया गया। इस कार्य में स्पर्श कुमार, कुमार मनु कुमार, मोहन सिंह, चितरंजन, अभिनव नीरज, अमित तिवारी, मुकुल आनंद, अनिमेष, शशिकांत सिंह, विकास चौहान, रजत, अखिलेश केसरी, हर्ष, अमित कुमार ने अहम भूमिका निभाई।
युवाओं की मदद से किन्नर हुए प्रसन्न
ट्रेनों एवं बस स्टैंड में लोगों से पैसे मांग कर अपना जीवन यापन करने वाले किन्नरों को इस लॉकडाउन में पहली बार कोई उनकी मदद के लिए आगे आया। युवाओं की इस सहायता से किन्नर भी भावुक हो गए। सपना, काजल, खुशबू, संजू सहित अन्य किन्नरों ने इन युवाओं की मदद देखकर प्रसन्न हुए और युवाओं की झोली को आशीर्वाद से भर दिया। किन्नर सपना एवं काजल बताती है कि सासाराम शहर में कुल 20 से 25 किन्नर है जो अक्सर ट्रेनों में घूम घूम कर या किसी के घर पुत्र प्राप्ति होने पर नाच – गा कर अपना जीवन यापन करते हैं, परंतु इस लॉकडाउन में सब कुछ बंद होने से हम लोगों को खाने के लिए सोचना पड़ रहा है। उन लोगों ने कहा कि युवाओं की इस मदद से हम लोगों को काफी राहत मिलेगा