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भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोबिंद से सेना में अहीर रेजिमेंट गठन करने की मांग अखिल भारतीय यादव महासभा के माध्यम से की गई है। उक्त आशय की जानकारी देते हुए अखिल भारतीय यादव महासभा के राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य सह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व सीनेट सदस्य चंद्रमा सिंह यादव ने बताया कि बहुत पहले भी अहीर रेजिमेंट गठन करने की मांग स्व० रामलखन यादव के नेतृत्व में की गई थी, लेकिन उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।उन्होंने बताया कि महासभा की बैठक में निर्णय कर पुनः अहीर रेजिमेंट गठन करने के लिए राष्ट्रपति से मांग की गई है। श्री यादव ने चीनी सैनिकों के साथ 18 नवम्बर 1962 में रेंजगला के चुशूल घाटी के लड़ाई का जिक्र करते हुए कहा कि 120 सैनिको में सभी अहीर ही लोग थे जो गोला बारूद खत्म होने के बावजूद अपने जान हथेली पर रखकर लड़ते हुए चीनी सैनिकों को पिछे खदेड़ दिया था।कहा कि उनकी वीरता एवं शौर्य तथा पराक्रम को देखते हुए जैसे राजपूत रेजिमेंट, गोरखा रेजिमेंट, सिख रेजिमेंट का गठन किया गया है उसी की तर्ज पर अहीर रेजिमेंट का गठन करना चाहिए ताकि सेना के माध्यम से देश के सीमाओं पर सेवा करने के लिए इस समाज के लोग प्रेरित होंगे ।
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