रिपोर्ट:-बलराम कुमार सुपौल बिहार
सुपौल जिला के त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय मुख्यालय क्षेत्र अंतर्गत मुख्य बाजार की है।
बात का खुलासा तब हुआ जब एक बछड़े को रात्रि के समय अज्ञात वाहन ने ठोकर मार भाग निकले।
वहीं बछड़े को ठोकर लगने से घायल अवस्था में सड़क पर पड़ा था।
तभी कूछ जनता के द्वारा मानवता दिखाते हुए बछड़े को रात्रि में किसी तरह दूसरे वाहन से अनुमंडलीय मवेशी अस्पताल ईलाज के लिए ले जाया गया।
हालांकि रात्रि में अनुमंडलीय अस्पताल में डॉक्टर मौजूद नहीं थे।
तभी करीब घंटों फोन घुमाने के बाद अस्पताल का असिस्टेंट आया तभी घायल बछड़े का ईलाज संभव हो पाया।
वहीं डॉक्टर के असिस्टेंट ने बताया की अभी रात्रि में मैं बाजार में ही था। वैसे डॉक्टर साहब मवेशी अस्पताल में नहीं रहते हैं।
जनता ने सरकार एवं पदाधिकारी को खड़ी खोटी सुनाते हुए हिंदू धर्म को कोसते हुए बताया की अभी तक हमारे जिले में एक भी गौशाला नहीं है।
जबकि अंतरराज्जीय जिला में मवेशी की कटाई भी होती है।
मवेशी की तस्करी भी लगातार होती रहती है।
वहीं जनता ने ये भी बताया की हिंदू धर्म में गौमाता को पूजा जाता है।
हिंदू धर्म में खाने की पहली रोटी गौमाता को दी जाती है।
लेकिन हमारे यहाँ गौमाता को सड़क पर ऐसे ही खुलेआम घूमने के लिए वाहन की चपेट में आने के लिए ऐसे ही छोड़ दिया जाता है।
वहीं जनता ये भी बताया की हमें हिन्दुओं पर शर्म आती है गाय तो पाल लेते हैं लेकिन सड़कों पर धक्के खाने के लिए छोड़ देते हैं।
जिससे जनता एवं दुकानदार भी परेशान रहते हैं।
लेकिन प्रशासन है मौन बैठी रहती है।
या जान के भी अंजान बनी रहती है।
ऐसे भी सुशासन बाबू के राज में पदाधिकारी की मनमानी तो चलती ही रहती है।
ऐसे भी प्रशासन बेचारे क्या करे जिले में एक भी गौशाला अब तक नहीं बनी है।
अब सरकार की कमी कहें या प्रशासन की।
समझपाना मुश्किल है।
जनता की माँग है की सरकार गौशाला का जल्द ही निर्माण कराए।
दूसरी ओर प्रशासन गौमाता को खुलेआम छोड़ने वालों पर एफआईआर दर्ज कर नकेल कसे।
अब देखना लाजमी होगा की सुशासन बाबू के सरकार में प्रशासन कब तक नकेल कस पाते हैं।
जिले में गौशाला का कब तक निर्माण हो पाता है।