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जविपा अध्यक्ष अनिल कुमार ने प्रवासी मजदूरों को बिहार लाने के लिए पार्टी कार्यालय पर किया अनशन

कहा – संवेदनहीन नीतीश सरकार को मजदूरों की चिंता नहीं

जनतांत्रिक विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार ने प्रवासी मजदूरों को वापस बिहार लाने के लिए अपने पार्टी कार्यालय में एकदिवसीय अनशन किया. इस दौरान उन्होंने बिहार सरकार पर जमकर हमला बोला और ह्यूमन डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखा. अनिल कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार और सुशील मोदी की सामंतवादी सोच है. इनकी ऐसी सोच हो गई है कि हमारे श्रमिक भाई बंधु- बहनें जो बिहार के बाहर फंसे हुए हैं उनके लिए थोड़ा भी दर्द नहीं है इनको. ये लोग इतने संवेदनहीन हो गए हैं कि इनको उनकी थोड़ी भी चिंता नहीं है.

अनिल कुमार ने कहा कि इनकी सरकारी डाटा है कि हमारे 27 लाख 27 हजार लोग बाहर फंसे हुए हैं और अगर एक दिन में पांच हजार लोगों के लाने की व्यवस्था अभी दो दिन से चल रही है. इसी बीच में कर्नाटक ने ट्रेन कैंसिल कर दिया, गुजरात में हमारे लोगों पर लाठी चली , महाराष्ट्र में हमारे लोगों पर लाठी चल रही है. इस समय नीतीश कुमार और सुशील मोदी की आवाज को क्या हो गया है क्यों नहीं उसके खिलाफ एक शब्द निकाल पाए आप हमारे लोगों को क्यों पीट रहे हैं, हमारे ट्रेनों को क्यों कैंसिल करा रहे हैं.आखिर जब दूसरे राज्यों में हमारे श्रमिक भाईयों को पीटा जा रहा था, तब इन्होंने उन राज्यों के मुख्यमंत्री से बात क्यों नहीं की? हमारा मानना है कि 27 लाख नहीं 1 करोड़ से भी अधिक है. सरकार उन सबों को बिहार वापस लाए.

जविपा अध्यक्ष ने कहा कि आज हमारे देश को आजद हुए 72 साल हो गया और 72 साल बाद भी हम बंधुआ मजदूर हो रहे हैं कहीं. बंधुआ मजदूरी के खिलाफ पहले भी लड़ाई हुई थी, आज भी लड़ाई हुई और अंग्रेजों के समय में भी लड़ाई हुई थी. ये बाबा साहब का भारत है, बाबा साहब का संविधान है. ये गांधी जी का भारत है, सरदार पटेल का भारत है. ये नीतीश और मोदी का भारत नहीं है कि आप अपने मन की कानून चला सकते हैं.

उन्होंने कहा कि हमलोग इन सामंतवादियों की सोच पर गांधीवादी ढ़ंग से अनशन पर बैठे हैं. हमारे जो भी भाई बंधु बाहर फंसे हैं उनको सकुशल उनके घर तक पहुंचाया जाए. कोई भी जो भाड़ा ले रहे हैं उसे बंद करें, पैसा ले रहे हैं उसे बंद करें, खाना के साथ उनको सकुशल उनके घर तक पहुंचाएं. इसी मांग को लेकर हम आज एक दिन के अनशन पर बैठे हैं. मेरा कहना है आप उन्हें घर पहुंचाइए और घर पहुंचाकर के आप को क्वारेंटाइन करना है क्वारेंटाइन कीजिए. क्वारेंटाइन की व्यवस्था भी किसी से छुपी नहीं है कैसे वहां लूट हो रहा है. पूरा का पूरा बिहार आपका आपदा प्रबंधन लूट प्रबंधन बना हुआ है और ये सारे लोग इस लूट में शामिल हैं. नीतीश कुमार खुद क्वारेंटाइन हैं उनके सारे मंत्री क्वारेंटाइन हैं, विधायक क्वारेंटाइन हैं और सांसद क्वारेंटाइन हैं. ऐसे क्वारेंटाइन होकर कैसे चलेगा हमारा बिहार.

अनिल कुमार ने कहा कि एक दिन का सांकेतिक अनशन पर हम बैठे हैं और पूरे बिहार में आज हमारे हजारों समर्थक बैठे हैं. सभी लोग लॉकडाउन का पालन करते हुए अपने- अपने घरों में अनशन पर बैठे हुए हैं. कोई सड़क पर नहीं है, कोई भीड़ इकट्ठा करके नहीं है हमलोग अकेले बैठे हैं और ये कहना चाहते हैं कि नीतीश जी सुशील मोदी जी जागिए , ये वोट का समय नहीं है जो आप कह रहे हैं कि हमारे थोत भाव से वोट गिरेगा. ये थोक भाव से वोट गिराने का समय नहीं है थोक भाव से हमारे लोगों को सपोर्ट करने की जरूरत है. जिनके घर में अनाज नहीं है उन्हें थोक भाव से अनाज देने की जरूरत है. ये मदद का समय है मदद की जरूरत है यहां वोट की जरूरत नहीं है. हमलोग आगे भी जो बाबा साहब का संविधान है उसके तहत यदि नीतीश जी नहीं जागते हैं तो हम इस आंदोलन को आगे भी करेंगे. इस दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय मंडल भी उपस्थित रहे.

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