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सोचा जाये तो ये सबसे डरावना है कोरोना संक्रमण

लॉक डाउन से पहले का जीवन लॉक डाउन के बाद का जीवन बिल्कुल अलग होगा : पवन झुनझुनवाला

डेहरी ओन सोन रोहतास

संवाददाता/मदन कुमार

कोरोना संक्रमण बीमारी को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन शाखा डेहरी डालमियानगर के अध्यक्ष पवन झुनझुनवाला ने पत्रकारों से कहा कि लॉकडाउन से जैसे तैसे निकल भी गए तो उसके बाद का सफर कैसा होगा इसका अनुमान लगाना जरा मुश्किल है , मगर ये तय है कि लॉकडाउन से पहले का जीवन लॉकडाउन के बाद के जीवन से बिल्कुल अलग होगा ! खासकर तब तक जब तक कोई वैक्सीन नहीं बनती! सीधे शब्दों में कहा जाए तो शायद मुझे लगता है लॉकडाउन के बाद आँकड़े ज्यादा तेजी से बढ़ेंगे अगर वैक्सीन नहीं निकली तो !

परिस्थितियों को समझने के लिए उदाहरण के तौर पर हम व्यापारी वर्ग से शुरू करते हैं …..

कोई भी व्यापारी माल लेगा ,माल देगा , पैसे लेगा , पैसे देगा , माल जहां बनेगा , जिसके हाथों बनेगा , जिसके हाथ से सप्लाई होगा , ट्रांसपोर्टेशन के सारे स्टाफ , मैन्युफैक्चरर्स का सारा स्टाफ , दुकान का सारा स्टाफ , ग्राहक के साथ आये सभी लोग इन सबसे खुद को उसे बचना होगा! मतलब बहुत बड़ी चैन या सिस्टम से खुद को बचाना होगा!
फिर आते है बच्चों पर जाहिर है स्कूल खुलेंगे तो बच्चों का सफर यूँ होगा कि जिस गाड़ी में बच्चा आएगा और जाएगा , उस गाड़ी में सवार सभी बच्चे और उन सभी बच्चों के परिवार और उनके संपर्क में आये तमाम लोग और स्कूल का समस्त स्टाफ , अध्यापक इन सभी से बच्चों को बचकर रहना होगा जो कि लगभग भगवान के भरोसे है!
अब बारी आती है घर के बाकी लोग जिनपर घर का सामान लाने की जिम्मेदारी होती है , जैसे पिताजी माताजी बाजार से सामान लाने से लेकर घर तक का सफर …. मंडी में मौजूद तमाम व्यापारी , ठेले वालों से लेकर बड़े दुकानदार सभी से खुद को बचाना , साथ मे जो समान लिया है उसको सेनेटाइज करना जिस थैले या बैग में समान लिया है अगर उसे किसी ने छुआ है तो उसे सेनेटाइज करना बचे हुए पैसे वापस लेने पर ध्यान रखना मतलब ये भी लगभग मुश्किल की और ही इशारा कर रहें है !
घर पर आने वाली मेड , घर आने वाले तमाम दोस्त रिश्तेदार , घर पर लाया तमाम सामान सब पर पैनी नजर के साथ साथ बहुत ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ेगी!

फिर आते है यात्रियों और यात्राओं से सम्बंधित वर्ग ये शायद सबसे डरावना है क्योंकि अगर ट्रेन में गए तो आपकी बोगी में उपस्थित सभी लोगो से आपको बचना होगा जो कि लगभग मुश्किल है क्योंकि बहुत ज्यादा संख्या होती है ट्रेन में और स्टेशन पर, रेलवे केंटीन पर , अगर फ्लाइट से गये तो एयरपोर्ट स्टाफ के साथ यात्रा करने वाले लोग ओर साथ ही आपके इमिग्रेशन वाले लोग अगर सफर बस का है तो रोड़वेज की हालत से ऑटो आप बिलकुल अनजान नहीं होंगे!

इन सब में आपको सबसे जरूरी जो काम करना है वो हमारी आदत में नहीं था मगर अब उसे आदत बनाना पड़ेगा जैसे ग्लव्ज पहनना , मास्क लगाना और हर 10-15 मिनट में हाथों को अछे से सेनेटाइज करना और हाथ मिलाने की जगह नमस्कार करना , भीड़ वाली जगहों पर कम से कम जाना , बाहर का कम से कम खाना पीना !
मतलब सीधी बात ये है कि लॉकडाउन में आपकी हिफाज़त फिलहाल आप और सरकार दोनों कर रही है , लॉकडाउन के बाद आपकी और आपके परिवार की सारी जिम्मेदारी आपके ऊपर होगी !
तो फिलहाल तो आप सभी को कोस सकते है लॉकडाउन पर, मगर लॉकडाउन के बाद आपकी असल लड़ाई शुरू होगी!
चूंकि हिंदुस्तान में गंवारों और जाहिलों की अच्छी खासी तादाद है जो कि आपको लॉकडाउन में देखने को मिल गयी थी तो जाहिर है आपकी लड़ाई बहुत मुश्किल होने वाली है !
तो बस दुआ करिए वैक्सीन निकल जाए । वरना आप खुद इसके शिकार बनने के लिए तैयार रहें!
तो अब यूँ समझिए कि आपकी जिंदगी बन गयी है मौत का कुंआ जहां बाइक भी आपको चलानी है और दर्शक भी आप है और टिकट भी आप ही कि कटनी है!
और इस आप में ( मैं ) भी शामिल हूँ।
उन्होंने सभी लोगों से लाकॅ डाउन का पालन करने का आग्रह किया कहा कि खुद बच्चे परिवार को बचाएं साथ ही देश को बचाएं।

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