भोपाल। मानवता ईश्वर के लिए संस्था परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बजरंगी भाईजान से मशहूर सैकड़ो भारत वासियों को अपने वतन भारत पहुंचाने मे अहम भूमिका निभाने वाले सैय्यद आबिद हुसैन ने एक बार फिर इंसानियत की मिसाल पेश की है अल्लाह अगर तौफीक न दे इंसान के बस का काम नहीं- फैज़ान-ए-मोहब्बत आम सही इरफ़ान-ए-मोहब्बत आम नहीं–
जिगर मुरादाबादी। सैय्यद आबिद हुसैन कहते हैं कि आज जिगर साहब और उनकी शायरी को सब याद कर रहे हैं। और मैं उन्हें याद करते हुए उनके इस शेर से जी भी रहा हूँ। दोस्तों एक बार फिर अल्लाह ने मुझे तौफीक दी और मुझसे अपना पसंदीदा ख़िदमते ख़ल्क का काम लिया। कोरोना वायरस जैसी खतरनाक बीमारी के चलते तबूक सऊदी अरबिया में लॉकडाउन होने के बाद कुछ भारतीय जो जहां थे वहीं फंस गए। कुछ दिन मे ही उनकी खाने पीने की सारी चीज़ें खत्म हो गई। किसी तरह उन्होंने इंदौर के मेरे दोस्त विजय बजाज जी के द्वारा मुझसे राब्ता किया और अपनी परेशानी और मुश्किलें बताई। मैं ने फ़ौरन इंडियन एम्बेसी से राब्ता किया, ट्वीट किया। और वहां के फरिश्ता नुमा सिफ़त भारतीय एम्बेसडर जनाब औसाफ़ सईद साहब और जन सूचना अधिकारी वाणिज्य दूत जनाब अलीम अली साहब ने बगैर देर किए बिना जवाब दिलवाया और तत्काल सभी भारतीयों के पास गाड़ी भर कर किराने का सामान, सब्जियां, फल, दवाइयां और ज़रूरत का बहुत सा सामान पहुंचवा दिया। तस्वीरों में आप सभी हिंदुस्तानी भाईयों की ख़ुशियाँ देख सकते हैं। इनके जैसे परेशान और मजबूर लोगो के चेहरों की ये ख़ुशी ही मेरी ज़िन्दगी का असल मकसद है। इस अज़ीम काम के लिए मैं तहे दिल से जनाब औसाफ़ सईद साहब और अलीम अली साहब का शुक्रिया अदा करता हूं और अल्लाह से दुआ करता हूँ कि उन्हें इस कारे ख़ैर के लिए अज्र ए अज़ीम अता करे।
previous post