संझौली
आरा में रह कर पानी-पूरी बेचने वाले पांच सदस्यीय दल पैदल ही घर चल दिए। इस टीम के मलखान सिंह ने बताया कि हमलोग आरा में पानी-पूरी बेचते हैं। लॉकडॉउन से सभी दुकानें बंद हो गई। हमलोग भुखमरी के कगार पर पहुंच गए। मकान मालिक ने किराए को ले अपने घरों से निकाल दिए। जिसके बाद शुक्रवार की रात 11 बजे अपने घर सासाराम के लिए निकल गए। दोपहर तक सुसाड़ी पहुंचे हैं।
टीम में रहे रानू कुमार ने बताया कि मेरे पैर में रड में लगा हुआ है। लेकिन घर पहुंचना मजबूरी है। रास्ते मे कई गाड़ी वाले मिले जो कह रहे थे कि छोड़ दूंगा, लेकिन हमारे पास खाने को पैसे नहीं हैं तो किराया कहां से देंगे। हमारे साथ एक नौ साल का बच्चा भी है। जो बिना खाये पीये ही अपने गांव सासाराम जा रहे हैं।