करगहर –कोरोना का संक्रमण पूरे देश में आतंक मचाया हुआ है। जिसे देख कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा तीन सप्ताह के लिए पूरे भारत को लॉक डाउन करने का निर्देश पारित किया गया है।और 21दिनों के लिए भारत को लाकडाउन किया गया । लेकिन अभी भी कुछ लोगों की सोच सकारात्मक नहीं दिखाई पड़ रही है। जितनी बड़ी भयावह स्थिति पूरे देश की है उसके बावजूद भी कुछ नकारात्मक सोच वाले व्यक्ति अभी भी झुंड बनाकर चौक- चौराहे गली नुक्कड़ पर देखने को मिल जा रहे हैं। पुलिस के डर से कुछ लोग अपने अपने घरों में भाग जा रहे हैं लेकिन प्रशासन के जाते हैं पुनः लोग उसी तरह झुंड बनाकर बैठ रहे हैं। जिससे प्रशासन पूरी तरह परेशान है। इन लोगों को लॉक डाउन का मतलब नहीं पता या फिर यह लोग यह नहीं चाहते कि भारत पूर्णतः पूर्ण संक्रमण से मुक्ति मिल सके। लेकिन इससे भी बड़ी बात है की गांव मोहल्ले चौक चौराहे पर कुछ सकारात्मक सोच वाले लोग भी अभी है। लेकिन सरकार की ओर से कहीं किसी गांव में सैनिटाइजर का छिड़काव नहीं किया जा रहा है । और लगभग सतर प्रतिशत लोग सैनिटाइजर क्या होता है अभी तक नहीं देखे हैं। वैसे समाजसेवी जो इस कोरोना संक्रमण के मुहिम में गरीबों का मसीहा कहने वाले लोग कोई भी मास्क साबुन सैनिटाइजर या अन्य चीजें मदद करने के लिए आगे आकर दिखाई नहीं दे रहे हैं। और ना ही सरकार पूरी तरह इस पर अम्ल कर रही है । गरीब गुरुबो में अभी भी ना ही कोई पूर्ण संक्रमण के लिए जागरूक करने आया और नहीं कोई मास्क ,सेनटाइजर वगैरह को लेकर कोई मदद के लिए आगे आया। सरकारी आदेशानुसार इस महामारी से घर में पूरी तरह लॉक डाउन हुए गरीब अभी भी इसे संक्रमण के जानकारी से अनजान हैं। केवल एक दूसरे की मुंह से निकले हुए या तो सच जानकारी हो या अफवाह हो उसी जानकारी के साथ घर में रहने को विवश हैं। लेकिन सरकार के द्वारा अभी तक कोई व्यापक मदद नहीं दिख रहा। लोगों के चेहरे पर एक अजीब सी घुटन महसूस हो रही है। यह कोरोना का संक्रमण अपनी चपेट में लाकर लोगों को मारेगा या गरीब खुद-ब-खुद गरीबी की चपेट में आकर मरेंगे कुछ कहा नहीं जा सकता है। क्योंकि गरीब लोग इस वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए पहले से तैयार नही थे । अब देखा जाए तो सरकार किसकी कितनी मदद करती है यह तो समय ही बताएगा ।