रोहतास
सीएमआर जमा नहीं करने वाले जिले के 81 प्रमादी मिलरों की संपत्ति अगले माह नीलाम की जाएगी। राज्य खाद्य निगम ने बकायेदार मिलरों का ब्योरा जारी करते हुए नीलाम तिथि तय किया है। जिसमें वित्तीय वर्ष 2012-13 व 2013-14 में धान अधिप्राप्ति के दौरान एकरारनामा में मिलरों द्वारा दी गई संपत्ति को नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू की है। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा अगस्त 2018 में पारित आदेश व जिला नीलाम समिति के पत्र के आलोक में संपत्ति नीलाम करने की कवायद को एसएफसी ने शुरू किया है।एसएफसी के जिला प्रबंधक भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2012-13 व 2013-14 में धान अधिप्राप्त कार्य को ले चयनित प्रमादी मिलरों ने एकरारनामा के मुताबिक सीएमआर को जमा नहीं किया। जिस कारण सरकार को अरबों रुपये को क्षति उठाना पड़ा है। इसे ले सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2018 में बकाया राशि को वसूल करने का आदेश दिया था। जिस आलोक में डेहरी अनुमंडल में 18, बिक्रमगंज में 17 व सासाराम अनुमंडल में 46 ऐसे मिलर हैं, जिस पर सरकार का करोड़ों रुपये बकाया है। उन्हें बकाया राशि को जमा करने के लिए कई बार पत्र भेजा गया था, लेकिन वे अब तक जमा नहीं कर पाए। जिनके विरूद्ध नीलाम पत्र भी दाखिल किया गया था। कहा कि डेहरी के लिए तीन अप्रैल, बिक्रमगंज के चार व सासाराम अनुमंडल के बकायेदार मिलरों की संपत्ति सात अप्रैल को नीलाम करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। अगर उक्त तिथि पर नीलामी की प्रक्रिया पूरी नहीं होती है तो 13 व 24 अप्रैल को डेहरी, 15 व 21 अप्रैल को बिक्रमगंज तथा 16 व 22 अप्रैल को सासाराम अनुमंडल से जुड़े मिलरों की नीलामी प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। उच्चतम डाक बोलने वालों को ही संपत्ति नीलाम की जाएगी। कहा कि बकायेदार मिलरों की सूची एसएफसी, समाहरणालय, अनुमंडल कार्यालय समेत अन्य स्थानों पर चस्पा दिया गया है, जिसमें पूरा ब्योरा अंकित किया गया है।