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बीस बर्षों से बिना स्वार्थ को संतान के तरह पेड़-पौधों के सेवा करते-जामवंत

करगहर/रोहतास

संवाददाता—मो०शमशाद आलम

करगहर — आज के समय कोई बिना स्वार्थ का कुछ नही करते है बाकी एक बुजुर्ग ने तीस बर्षों से न लोभ न लालच शोहरत की तमन्ना लिये पेड़ -पौधों को अपने संतानों के तरह सेवा करते आ रहे है ।यह धुन का पक्का है बिना सहयोग व पारिश्रमिक के निस्वार्थ भाव से भगीरथ प्रयास करता रहा आ रहे और कर रहे है । पागल सनकी जैसे सम्बोधनों का भी कोई प्रभाव नहीं। 30 वर्षों का समय कैसे गुजरा बेखबर है । इस दौरान उसने एक लाख से अधिक वृक्षारोपण कर क्षेत्र में पेड़वा वाला बाबा के नाम से मशहूर हो गया ।कपसियां निवासी जामवंत को वृक्षारोपण का ऐसा जुनून सवार हुआ कि वे लकीर के फकीर बन गए । दूरदराज में उगे अवांछित छोटे पौधों को उखाड़ सरकारी भूमि, सड़क, नहर, स्कूल,कच्ची सड़कें और गांव की पगडंडियों पर रोपण करने लगे । पौधों की समय से निराई गुड़ाई और भीषण गर्मी में दूर से पानी लाकर पटवन करते देख लोग उन पर फब्तियां कसते लेकिन उनका कदम आगे बढ़ता रहा । पीपल ,आम ,शीशम, जामुन के साथ जंगली अवांछित पौधों को उखाड़ रोपण करते रहे ।बुजुर्ग जामवंत ने बताया कि उनके गांव कपासिया में कोई भी पेड़ नहीं था। ग्रामीणों के निधन के बाद श्राद्ध कर्म में इस्तेमाल होने वाले पीपल के वृक्ष के लिए लोग तरसते और दूसरे गांवों में जाकर पितरों की पूजा करते । तभी से उनके मन में वृक्षारोपण के बीच अंकुरित हो गए ।उन्होंने दुसरे गांव से लाकर छोटे पौधा को गांव के समीप स्थित सलथुआं राजबहा के किनारे पीपल के चार पौधों की रोपण कर सेवा शुरू कर दी ।और दिन -रात अपने संतान की तरह सेवा और देखभाल करते रहे।पौधारोपण के लिए मां से संस्कारित जामवंत जब वक्त के साथ बड़े हुए स्कूल जाने लगे । जहां विद्यालय में जलवायु के तहत ग्लोबल वार्मिंग से पृथ्वी लगातार गर्म होने से आने वाले दिनों में सूखा बाढ़ की स्थिति और मौसम बदलने से मानव जीवन को खतरा में होने की बातें बताई गई ।यह बात उनके मन में बैठ गई ।उन्होंने संकल्प लिया कि मानव जीवन की रक्षा के लिए आजीवन वृक्ष लगाते रहेंगे । उन्होंने बताया कि 70 के दशक में सरकार द्वारा वृक्षारोपण करने का मौका मिला तो एक करोड़ पौधा लगाने की जिज्ञासा रखते हैं।और हमार जिज्ञासा है कि हम अपना पुरा जीवन पेड़ -पौधों के सेवा संतान के तरह करता रहुंगा।पेड़ पौधों के सेवा करने से मंन को शांति मिलती है।

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