प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
समस्तीपुर सांसद प्रिंस राज को बड़ी राहत मिली हैं. दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित बलात्कार मामले में लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद प्रिंस राज की अग्रिम जमानत रद्द करने से इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति स्वर्णकांत शर्मा ने शिकायतकर्ता महिला की याचिका खारिज कर दी और कहा कि ट्रायल कोर्ट ने अपने समक्ष रिकॉर्ड पर विचार करने के बाद 2021 में प्रिंस राज को जमानत दे दी. केवल अनुरोध के आधार पर गिरफ्तारी पूर्व जमानत को रद्द नहीं किया जा सकता क्योंकि स्वतंत्रता का अधिकार एक महत्वपूर्ण अधिकार है!अदालत ने अपने हालिया आदेश में कहा कि प्रत्याशित जमानत आदेश एकत्र और तैयार की गई सामग्रियों, यानी ऑडियो रिकॉर्डिंग, प्रतिलेख (रिश्ते पर अभियोजक द्वारा सहमति) और अभियोजक के खिलाफ दर्ज एफआईआर के आधार पर पारित किया गया था!अदालत ने माना कि इसके बाद इस अदालत को ऐसी किसी भी घटना की जानकारी नहीं दी गई जिससे आरोपी को जमानत देने के आदेश में कोई हस्तक्षेप हो. इसे ध्यान में रखते हुए, यह अदालत आरोपी को दी गई अग्रिम जमानत को रद्द करने की इच्छुक नहीं है. केवल अनुरोध के आधार पर जमानत रद्द नहीं की जानी चाहिए क्योंकि किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार एक महत्वपूर्ण अधिकार है जिसमें हल्के ढंग से हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है!प्रिंस राज अपने चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाले एलजेपी गुट से हैं. खुद को एलजेपी कार्यकर्ता बताने वाली महिला ने प्रिंस राज पर बेहोशी की हालत में उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया. प्रिंस राज पर रेप और जान से मारने की धमकी देने का आरोप है. प्रिंस राज के खिलाफ कनॉट प्लेस थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. कोर्ट के आदेश पर ही पुलिस ने मामला दर्ज किया था।