टिकारी/बिहार
टिकारी से ओमप्रकाश की रिपोर्ट
कुलपति के रूप में सीयूएसबी में यह मेरा अंतिम गणतंत्र दिवस होगा कुछ महीने में ही मैं इस विवि को अलविदा कह दूँगा | अगले छः महीने में मेरा कार्यकाल पूरा हो जाएगा लेकिन विवि की यादें हमेशा मेरे साथ होगी और मैं इसके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ। ये बातें सीयूएसबी के माननीय कुलपति प्रोफेसर हरिशचन्द्र सिंह राठौर ने 26 जनवरी 2020 को विवि परिसर में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में प्राध्यापकों, विद्यार्थियों एवं अतिथियों को संबोधित करते हुए कही |
गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुवात कुलपति प्रोफेसर राठौर ने राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर किया उसके पश्चात उन्होंने अपने संबोधन को ” सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा ” पँक्तियों के साथ किया | उन्होंने कहा कि सारे जहाँ से अच्छे भारतवासी हमारे, सारे जहाँ से अच्छी संस्कृति हमारी ! हमारा देश, हमारा समाज, हमारे धार्मिक आस्थाएं, हमारे रीति – रिवाज, हमारा खानपान, हमारे त्यौहार, हमारे खेत, हमारे पहाड़, इत्यादि विश्व में सबसे अच्छा है ! यूँ कहें कि हमारा देश भारत अपने आप में एक विश्व है जहाँ संसार के लगभग सभी धर्मों के मानने वाले लोग रहते हैं, साथ-ही-साथ आपको देश के विभिन्न भागों में रहन – सहन, खानपान, पहनावा आदि में विविधता दिखाई पड़ती है जो अपने कहीं-न-कहीं सम्पूर्ण विश्व की विषेशताओं को प्रदर्शित करता है ! ऐसे विविध एवं विशाल देश पर हमें नाज़ है और हम फ़ख्र से कह सकते हैं कि सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा ! माननीय कुलपति ने अपने भाषण में देश के संविधान और देशवासियों को मिले हुए अधिकारों की चर्चा करते हुए ये चिंता जताई कि कुछ लोग निजी स्वार्थ के लिए इसके प्रावधानों का गलत इस्तेमाल करना चाहते हैं ।उन्होंने कहा कि देश की संप्रभुता के लिए संविधान, न्यायालय आदि संस्थानों की इज़्ज़त करना चाहिए और उनपर ऊँगली नहीं उठानी चाहिए | प्रोफेसर राठौर ने संक्षेप में विवि के हालिया दिनों में हुए विकास को साझा करते हुआ कहा कि बहुत जल्द ही स्टाफ क्वार्टर का काम प्रारंभ हो जाएगा।
विश्वविद्यालय की गुणवत्ता आँकने का रैंकिंग अहम पैमाना
माननीय कुलपति ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार किसी भी विश्वविद्यालय खुद को साबित करने के लिए विभिन्न सरकारी एवं गैरसरकारी एजेंसियों द्वारा की जाने रैंकिंग एक महत्वपूर्ण पैमाना है | अगर यूनिवर्सिटी की रैंकिंग अच्छी हो तो इसे राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ठ पहचान मिलती है और सरकार से भी अच्छी फंडिंग (अनुदान) मिलता है | दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) को भी देश एवं विदेश में तभी ख्याति प्राप्त हो सकती है जब यहाँ अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शोध हो एवं उचित संसाधन उपलब्ध हों ।
हालाँकि विवि ने 2019 में इंडिया टुडे रैंकिंग में 22 वां स्थान प्राप्त किया है, नैक से ‘ ए ‘ ग्रेड प्राप्त किया है और एनआईआरएफ से वर्ष 2016 में 94 वां स्थान प्राप्त किया है, लेकिन इतना काफी नहीं है ।सीयूएसबी को अगले नैक प्रत्यापन में अपने स्कोर को बढ़ाना होगा, एनआईआरएफ में रैंकिंग सुधारनी होगी तभी यह देश के उत्कृष्ठ (टॉप) 10 विश्वविद्यालयों में अपनी जगह बना सकता है | मैं मानता हूँ और मुझे विश्वास है कि सीयूएसबी में जिस गति से विकास हो रहा है और शोध में शोधार्थियों की निष्ठा एवं प्राध्यापकों की जितनी निपुणता है इससे हमारा विवि देश के उत्कृष्ठ (टॉप) 10 विश्वविद्यालयों में शामिल हो सकता हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने मन मोह लिया ।
सीयूएसबी में गणतंत्र दिवस समारोह में डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर (डीएसडब्लू) प्रोफेसर आतिश पराशर और सांस्कृतिक समिति के सदस्यों डॉ० अनिंद्य देव, डॉ० अमृता श्रीवास्तव, डॉ० तरुण कुमार त्यागी आदि के मार्गदर्शन में आकर्षक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया | इस अवसर पर विवि की छात्र – छात्राओं ने देशभक्ति गीत, नृत्य, नाटक आदि प्रस्तुत करके सभा स्थल पर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया | समारोह के अंत में विवि में आयोजित खेलकूद प्रतियोगिता ‘ इंद्रधनुष’ के विजेताओं को माननीय कुलपति प्रोफेसर एच० सी० एस० राठौर, कुलसचिव कर्नल राजीव कुमार सिंह (सेवानिवृत), डीएसडब्लू) प्रोफेसर आतिश पराशर द्वारा पुरुस्कृत किया।