प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
पन्ना पवई :-टैगोर पुस्तकालय पवई में हिंदी दिवस के अवसर पर शिक्षक सतानंद पाठक ने प्रकाश डालते हुए कहा कि
हिंदी दिवस एक ऐसा दिन है जो हिंदी भाषा को उसकी उचित पहचान देता है और इसे विलुप्त होने से बचाने के लिए मनाया जाता है।
हिंदी भाषा को 14 सितंबर 1949 को भारत की राष्ट्रीय भाषा के रूप में अपनाया गया तब से हिंदी भाषा को एक उच्च दर्जा प्राप्त हुआ और प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रुप में मनाते हैं।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार, हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था
हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी साहित्य सम्मेलन के दौरान सिफारिश करने वाले महात्मा गांधी सबसे पहले व्यक्ति थे।
हिंदी भाषा विश्व की चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
आधिकारिक रूप से पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था।
हिंदी दिवस मनाने का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है कि जब तक वे हिंदी का पूरी तरह से उपयोग नहीं करेंगे, तब तक हिंदी भाषा का विकास नहीं हो सकता है।
लोगों को हिंदी के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए हिंदी दिवस पर एक पुरस्कार समारोह भी आयोजित किया जाता है। जिनमें हिंदी से जुड़े राष्ट्रभाषा कीर्ति पुरस्कार और राष्ट्रभाषा गौरव पुरस्कार दिया जाता है। सतानंद पाठक शिक्षक पवई जिला पन्ना मध्य प्रदेश!