रिपोर्ट-मोo मुजाहिद इस्लाम
सहरसा
सहरसा ज़िला के कहरा प्रखंड के नरियार पंचायत में चाचा ने अपने भतीजी को पहचानने से किया इंकार, मामला यह कि नरियार पंचायत निवासी स्वo रामजी दास के दो पुत्र में सबसे बड़े पुत्र लक्ष्मी दास व छोटे पुत्र स्वo नागेंद्र दास है।स्वo रामजी दास के मौत के बाद दोनों पुत्र अपने-अपने तरीके से परिवार के साथ रहने लगे,वही स्वo रामजी दास के बड़े पुत्र लक्ष्मी दास के दो पुत्र व छोटे पुत्र स्वo नागेंद्र दास के एक पुत्री है। कुछ समय बाद स्वo रामजी दास के छोटे पुत्र स्वo नागेंद्र दास की पत्नी चीना देवी की मौत हो गई,वही नागेंद्र दास अपने 4 वर्ष की पुत्री के साथ खुशी-खुशी रह रहे थे।वही दूसरे वर्ष स्वo नागेंद्र दास की भी मौत हो जाने के बाद 4 वर्षीय पुत्री को इस दुनियाँ में अकेले छोड़ दिए।वही 5 वर्षीय बच्ची के माता-पिता के गुजरने के बाद अकेली पड़ने से बच्ची के बड़े पापा लक्ष्मी दास व उसके परिजनों द्वारा बारम्बार बच्चे को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।वही इस बात की सूचना बच्चे ने अपने नानी गाँव सौर बाजार थाना क्षेत्र के तिरी बाराही स्थित वार्ड नम्बर-06 में अपने मामा सुरेश दास को दिया,जो समय पाकर अपने बहन के ससुराल स्थित नरियार पहुँचकर अपने रिश्तेदारों के साथ बैठक कर अपने भाँजी को लेकर अपने घर चले गए। जहाँ बच्ची का जीवन यापन उसके ननिहाल स्थित तिरी बाराही में गुजरा ओर लड़की के बड़े होने के बाद मामा द्वारा अपने भाँजी की शादी वर्ष 2016 में नरियार वार्ड नम्बर-06 निवासी राजेन्द्र तांती के पुत्र अमित कुमार के साथ धूमधाम से हिन्दू-रीति रिवाज के साथ किया गया। वही कुछ समय स्वo नागेंद्र दास की पुत्री आरती देवी की शादी के कुछ दिन बीत जाने के बाद उन्होंने अपने पिता की सम्पत्ति की हिस्सेदारी में खोजबीन करना शुरू कर दिया।उन्होंने खोजते हुए अपने बड़े पिता लक्ष्मी दास के यहाँ पहुँचकर जानकारी दिया तो आरती देवी के बड़े पिता सहित परिवार के सदस्य द्वारा उन्हें नकार दिया गया,जिसके बाद आरती देवी द्वारा अपने पिता के सम्पत्ति को लेकर सहरसा ज़िला के वरीय अधिकारियों से लेकर कहरा अंचलाधिकारी तक आवेदन दिया गया।जो कागजात के आधार पर लड़की का हिस्सा होना तय है,वही उसके बड़े पिता लक्ष्मी दास द्वारा उन्हें कुछ भी हिस्सेदारी देने से मनाही कर रहा है,जिसको लेकर आज नरियार पंचायत के वार्ड 06 में ग्रामीणों की मदद से एक बैतक की गई,बैठक में पीड़ित लड़की के बड़े पिता की गैर मौजूदगी रही वही पंचायत द्वारा बुलाने की काफी कोशिश किया गया लेकिन ना ही पीड़िता के बड़े पिता आए और ना ही घर के अन्य सदस्य मौजूद होने को तैयार हुए।पंचायत में मौजूद वर्तमान सरपंच प्रतिनिधि ने बताया कि हमसे पहले जीता हुआ सरपंच द्वारा रूपया लेकर वंशा-वृक्ष को गलत तरीके बनाने के कारण इस तरह की मुद्दा आज उभरा हुआ है,अगर उस समय सही और गलत का फैसला करते तो आज यह दिन देखने को नही मिलता।वही पीड़ित लड़की आरती देवी बताती है,की हम अपने पिता के हिस्से की दावेदारी ठोकते है,तो हमारे बड़े पापा हमको पहचानने से इंकार करते है,ओर जान से मरवाने की धमकी देते है।