प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
ये ‘बदलाव वाटिका’ बेहद खास है। क्योंकि यहाँ वो बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं जिन्होंने पढ़ने की उम्मीद नही की थी। यहाँ पढ़ाने वाले शिक्षक इसलिए ख़ास हैं क्योंकि वो कोई मानदेय नहीं लेते।
चार साल पहले शुरू हुई इस ‘बदलाव वाटिका ‘ ने अब तक कई छात्र-छात्राओं की जिंदगी बदल दी है। कभी बाल मजदूरी करने वालो बच्चो के हाथों में आज कॉपी और कलम है। आज वे सपने देख रहे हैं, अपने हौसलों को बुंलद कर रहे हैं।
यहां पढ़ने वाले ट्विंकल जन्म भले ही शिक्षा से वंचित परिवार में लिया हो लेकिन वह भी दूसरे बच्चों की तरह पढ़ना चाहते है, अपने सपनों को पूरा करना चाहते है। उसने उत्साह और आत्मविश्वास के साथ कहा, “मैं डॉक्टर बनना चाहती हूं जिससे बीमार लोगों का इलाज कर सकूं।” इस बदलाव वाटिका में पढ़ने वाले बच्चों के सपने कुछ ऐसे ही हैं। आज ये बच्चे अपने हौसलों को उड़ान दे रहे हैं।
आज से चार साल पहले ब्रजेश यादव ने अपने जन्मदिन के दिन के अवसर पर इस बदलाव वाटिका की शुरुआत किया था,जिसमे समाज के वे बच्चे जो असहाय हैं उन्हें निशुल्क शिक्षा, कॉपी किताब, पेंसिल, स्लेट देकर किया गया!
आज अपने 25वे जन्मदिन और बदलाव वाटिका के चौथे वर्षगांठ पर केक काटकर,सभी बच्चो के बीच स्लेट पेंसिल कलम, किताब बांटकर मनाया गया, जिसमे जिले के डॉक्टर नीरज कुमार, दिवाकर यादव, यादव सेना संगठन बिहार प्रदेश अध्यक्ष सतीश यादव,अली इकबाल, दानिश रहमान,नीतीश यादव, संजीत रंजन, सिद्धार्थ गौतम, रवींद्र कुमार खत्री,अमित यादव( अट्टा यादव), अहीर अजीत यादव, नीतीश यादव सहित गई गणमान्य उपस्थिति थे!