प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
भारत कृषि प्रधान देश है 80 फ़ीसदी आबादी कृषि पर आधारित है ग्रामीण परिवेश में रह कर बंजर भूमि से अनाज उपजाते हैं किसान, जी तोड़ मेहनत कर किसान अपनी फसल को उपजा कर औरों को आहार देने का काम करते हैं किसान भारत की आत्मा है भारत के रीड है वक्त बात किसान स पर्यावरण प्रेमी त्रिपुरारी झा ने राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर ये बातें कहीं, साथ ही कहा कि आज भी किसान उपेक्षा से अधिक उपेक्षित है सरकार की व्यवस्था से ,
किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पाता है अनाजों का ,लागत मूल्य से भी कम भाव में बेचना पड़ रहा है अनाज को, पशुपालन के क्षेत्र में भी पानी के भाव में दूध बेचा जा रहा है भारत कृषि प्रधान देश है सिर्फ कहने को किसानों के लिए ना ही किसान आयोग है न ही किसान नीति है भारत का किसान बुलंद आवाज उसे यह मांग करता है किसानों के लिए किसान आयोग बनाया जाए जिस देश में 80% किसान हो उस देश में किसान आयोग क्यों नहीं बनाया अभी तक सरकार सिर्फ जुमला बाजी कर रही है किसानों पर!