महंगाई बढ़ी लेकिन नहीं बढ़ा कारोबारी/ रोजगारी
संवाददाता तिलौथू प्रीती कुमारी
सब्जियों व् खाद्य पदार्थों तेल के दामों में हुई वृद्धि ने रसोई की पहले से ही बजट फीका कर रखा तो वहीं दूसरी ओर अब रसोई गैसों में भी आग लगी है। जहां अब तो वक़्त की रोटी को पाने के लिए दर दर की ठोकरें खाते थे वहीं अब खाने खाने को तड़पेगे। रसोई गैस के बढ़ते दामों में जो उछाल आया है उससे तो गृहणियो को बेहाल कर रखा है। तेरह दिन में घरेलु गैस के दामों में दूसरी बार बढ़ने से उपभोक्ताओ में परेशानी का सबब बना हुआ है साथ ही साथ जेबों पर भी भारी पड़ा है क्योकि सरकार जब एक चीजों को देती है तो दूसरों पर अपना कर वसूलती है। इससे तो रसोई का बजट ही बिगाड़ दिया है अब महिलाओ को बडा सोच समझकर चलना पड़ रहा है। 14.2 किलोग्राम की एलपीजी गैस सिलिडर के दाम अब 642 रूपए से बढ़ कर 692 रूपए हो गया है। तो वहीं दूसरी ओर पाँच किलोग्राम की सिलेंडर का दाम अब 405 से बढ़कर 418 रूपए कर दिया गया है, ये मूल्य मंगलवार से लागु है। दो दिसंबर को तेल कम्पनिओ ने रसोई गैस के दामों में ५० रूपए की बढ़ोतरी की थी। तो वहीं १३ दिन बाद गैस के दामों में बढ़ोतरी होने से उप्भोक्तओ में नाराजगी जायज़् है लेकिन उससे किसी को क्या लेना देना है।पहले था कि 129 रूपए सब्सिडी के तौर पर उप्भोक्तओ के खाते में भेजा जाता था। लेकिन दिसंबर माह में जिस तेजी से बढ़ोतरी हुई है उससे तो अभी तक ये तय नहीं किया गया है कितने सब्सिडी के तौर पर उप्भोक्तओ के खाते में भेजे जाएँगे। इस महीने में दो बार १०० रूपए की बढ़ोतरी से महिलाये नाखुश् हैं। क्योकि उनका कहना है कि लगातार दामों में वृद्धि होने से रसोइओ का बजट बिगड़ रहा है, लेकिन उससे किसी को क्या मतलब है। सरकार तो अपनी मनमानी ही करेगी न्।