संवाददाता—मो०शमशाद आलम
करगहर-— 10 दिन तक चलने वाले मातमी पर्व मुहर्रम पर करोना का असर दिखा । इससे पहले मोहर्रम के पर्व पर कर्बला के मैदान में जंगे खिलाड़ियों की याद में लाठी, डंडा ,तलवार , नुमाई सहित कई खेल का प्रदर्शन खलीफा के नेतृत्व में कर्बला के मैदान की याद में किए जाते थे । या हुसैन के नारों के साथ करगहर सहित विभिन्न गांव में ताजिया का घुमाया जाता था। मातमी पर्व मुहर्रम या हुसैन की नारे और नगाड़े की आवाज पर कर्बला की याद में खलीफा के नेतृत्व में सैनिक अपना जौहर दिखाने के लिए तैयार दिखते थे। रात को खेल कौशल में खिलाड़ियों को पुरस्कृत भी किया जाता था ।लेकिन करोना के कारण इस बार ताजिया नहीं उठा । चौकियों को फुल माला से सजया गया । इस पर फतेहा पढा गया। धर्मा लंबी घरों में ही रह कर मातमी पर्व मनाया गया । सत्य के लिए पैगंबर मुहम्मद साहब के इमाम हुसैन एवं उनके साथियों की शहादत हुई थी ।इस अवसर पर करगहर ,सेमरी,सहुआर, कौवाखोच, धनेज, रूपैठा, बड़हरी, शिवपुर, सहित कई जगह पर मुहर्रम सादगी से मनाया गया ।