मसौढी से नीरज कुमार
मसौढ़ी के सुप्रसिद्ध चिकित्सक महान समाजसेवी हरदिल अजीज आदरणीय डाॅ० अवधेश प्रसाद सिंह के असामयिक निधन से गहरी शोक संवेदना प्रकट करता हूँ एवं उनकीं आत्मा के शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ तथा इनके परिवार को इस दुःख की घड़ी में साहस एवं धैर्य प्रदान करें।*
*डाॅ० अवधेश प्रसाद सिंह सोनकुकरा निवासी स्व० बद्री नारायण सिंह के दो पुत्रों और दो पुत्रियों मे सबसे ज्येष्ठ थे।*
*उन्होंने पटना चिकित्सक महाविद्यालय अस्पताल से एम० बी० बी० एस० की पढाई की थी तत्पश्चात उन्होंने सरकारी चिकित्सक के रूप मे योगदान दिए*
*उप स्वास्थ्य केंद्र मरांची पोठही, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मसौढ़ी एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बेलागंज गया समेत बिहार के अन्य क्षेत्रों में भी बतौर चिकित्सक के रूप में सेवा देकर मरीजो को ठीक किया।*
*वे बेलागंज से सेवानिवृत्ति हुए थे और सेवानिवृत्ति के बाद भी बेला के लोगों से लगाव बना रहा और बेला एवं बेलागंज से सुदूर गांव मेन मे भी चिकित्सीय कार्य से जाया करते थे।*
*यही बजह है कि वे मुम्बई से सघन चिकित्सा करवा कर लौटे थे तो मेन गांव निवासी सह बिहार के माननीय लोकायुक्त श्री श्याम किशोर शर्मा जी तथा बेलागंज और मगध के असंख्य लोगो उनसे मिलने तथा हालचाल लेने आए थे।*
*मगध का कोई भी समाजसेवी नेता या कार्यकर्ता मंत्री विधायक सासंद नहीं थे जिनसे उनका व्यक्तिगत लगाव नहीं था।*
*वे आमंत्रित होने पर गरीब से लेकर हर वर्ग के लोगों के यंहा जाया करते थे।*
*बिहार के मुख्यमंत्री आदरणीय श्री नीतीश कुमार तथा बिहार विधानसभा अध्यक्ष श्री विजय कुमार चौधरी जी समेत बिहार के अन्य प्रबुद्ध लोगों से उनका काफी लगाव था।*
*मसौढ़ी का हर समाजिक एवं धार्मिक कार्यक्रम खेल एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम उनके बिना अधूरा लगता था।*
*वे ईद मिलन और होली मिलन दोनों अवसर पर समान रूप से भागीदारी निभाया करते थे इस अवसर पर स्व० बली अहमद साहब तथा स्व० टूक नारायण सिंह के साथ महफिल में अन्य सभी लोग जरूर इंतजार करते थे।*
*वे राम जानकी मंदिर ठाकुरबाड़ी न्यास समिति तथा मसौढ़ी अनुमंडलीय पुस्तकालय के कार्यकारणी सदस्य थे एवं अनुग्रह नारायण सिन्हा फाउंडेशन ट्रस्ट मसौढ़ी पटना के संस्थापक सह आजीवन अध्यक्ष थे।*
*इनके समाजिक क्षेत्र में सभी जगह सराहनीय कार्य किया गया जो हमेशा याद किया जाएगा*
*उनके दोनों पुत्रों तथा उनके पुत्रवधु भी चिकित्सक है तथा पौत्र भी चिकित्सक की पढ़ाई कर रहे हैं।*
*डाॅ० साहब असहाय रोगियों को बिना शुल्क के देखा करते थे मसौढ़ी के लोग उन्हें बहुत कम फी मे इलाज करने के कारण मसौढ़ी के शिव नारायण तथा धनमंत्री तक कहा करते थे।*
*उनके निजी अवध चिकित्सालय मसौढ़ी का दरबाजा pmch के तरह 24 घंटा खुला रहता था।*
*वे आजाद शत्रु तथा सबका मित्र थे।*
*गरीबों की सेवा करना तथा सादगी उनकी पहचान थी।*
*डाॅ० अवधेश प्रसाद सिंह के तरह ही सरल एवं नेक दोनों सुपुत्र डाॅ० सुधीर और डाॅ० विभूति कुमार तथा दोनों पुत्रवधु भी हैं जो डाॅक्टर साहब के अधूरे सपनों को पुरा करेंगे।*
*आज डाॅक्टर साहब नहीं हैं लेकिन उनके लिए पुरे मसौढ़ी के लोग आँसू बहा रहे हैं*
*जब भी एक अच्छे लोकप्रिय चिकित्सक की बात होगी तो बरवश याद किए जाएँगे*
*वास्तव में वे एक कुशल समाजसेवी चिकित्सक रंगकर्मी तथा महानआत्मा थे जिनके प्रति हम श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।*
*हम चंदेल परिवार के लोग व्यक्तिगत रूप से भी उनका ॠणी है।*
*हमारे परिवार के वे अभिभावक तथा मार्गदर्शक थे*
*हमारे तरफ से,मसौढ़ी एवं मगध के असंख्य लोगों की ओर से उनके प्रति भावभीनी श्रद्धांजलि है।*