रूबी कुमारी
आरा/भोजपुर
कोईलवर एक शाम नाना पाटेकर के साथ कार्यक्रम को लेकर बॉलीवुड के सिने अभिनेता पद्मश्री नाना पाटेकर रविवार की शाम 5 बजे सीआरपीएफ 47 वीं वाहिनी मुख्यालय कोईलवर पहुँचे। जहाँ उन्होंने जवानों का मनोबल बढ़ाने को लेकर उनसे रूबरू हुए। उन्होंने जवानों के साथ मिल सीआरपीएफ मुख्यालय में पौधरोपण किया। नाना पाटेकर ने मुख्यालय में सबसे पहले आम का पौधा लगाया। जिसके बाद पदाधिकारियों ने आम, आंवला के पौधे लगाये। जिसके बाद सीआरपी के अधिकारियों के साथ आडिटोरियम में पहुंचे।
जहां बिहार सेक्टर के सीआरपीएफ आईजी जीवीएच गिरी प्रसाद ने नाना पाटेकर को बुके व शॉल देकर स्वागत किया। मौके पर सीआरपी अधिकारियों ने नाना पाटेकर का संक्षिप्त परिचय कराया और उनके सिनेमा जगत के सर्वश्रेष्ठ फिल्मों को गिनाया। मौके पर जवानों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। जिसमे जवानों ने दिल दिया है जान भी देंगे , जलवा तेरा जलवा गाने की प्रस्तुति पर नृत्य प्रस्तुत किया। जिसके बाद पाटेकर ने एक एक जवानों ने मिल हौसला आफजाई किया।
वहीं राष्ट्रपति वीरता पुलिस पदक से सम्मानित जवानों को अदम्य साहस के लिए पाटेकर ने शॉल दे सम्मानित किया। कहा कि यह वर्दी सभी को नसीब नहीं होती है। यह आने आप में गर्व है। मौके पर सीआरपीएफ आईजी जीवीएच गिरी प्रसाद, डीआईजी एसएम हसनैन, संजय कुमार, भूपेश यादव, लालमिंग थांग जोटा समेत दर्जनों अधिकारी व कर्मी उपस्थित थे।
बहुत ही प्यारा बच्चा था सुशांत सिंह राजपूत
जवानों से रूबरू होते हुये नाना पाटेकर ने कहा कि सुशांत के बिना जिंदगी अधूरा महसूस कर रहा हूं। बहुत ही प्यारा बच्चा था। अभी तीस साल उसका कैरियर था। लेकिन क्या हो गया इसकी कल्पना भी नहीं की थी। वह एक मंजा हुआ कलाकार था। लगता है किसी अपना को खो दिया। वह मेरे बेटे के समान था। मीडिया ने सुशान्त के बारे में पूछने पर बताया जो भी हुआ गलत हुआ है। इसके बाद कहा नो मोर क्वेश्चन।