सासाराम
रोहतास जेल महकमा ने कोरोना संकट से निबटने के लिए अब नई रणनीति तैयार की है। जिसके तहत जेल में आने वाले नए कैदियों को 14 दिनों के लिए क्वरांटइन सेंटर में रखने के नियम में फेरबदल किया गया है। नए प्रावधान के अनुसार जेल में आने वाले कैदियों को ब्रिकमगंज उपकारा में बने क्वरांटइन जेल में अब सात दिन ही रहना होगा और शेष सात दिन मंडल कारा सासाराम में बनाए गए क्वारंटाइन वार्ड में रखा जाएगा। इसके बाद उन्हें जेल के अन्य वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा। इस आशय की जानकारी मंडल कारा अधीक्षक संजीव कुमार ने दी।
बताया कि फिलहाल मंडल कारा में अपनी क्षमता से 300 कम कैदी रह रहे है। सासाराम जेल में वर्तमान में 670 कैदी ही है। कारा अधीक्षक के अनुसार जिले के बिक्रमगंज उपकारा को रोहतास, भोजपुर, बक्सर और भभुआ के कैदियों के लिए क्वरांटइन जेल बना दिया गया है। जिसमें फिलहाल 69 कैदी है। बिक्रमगंज उपकारा के सभी 125 कैदियों को जहानाबाद जेल में जून माह के प्रथम सप्ताह में ही स्थांतरित कर दिया गया है। कारा अधीक्षक ने स्वीकार किया कि पुराने प्रावधानों के अनुसार क्वारंटाइन जेल में कैदियों को 14 दिनों तक रखना था। पिछले दिनों जेल आईजी मिथलेश मिश्रा से वीडियो कांफ्रेसिग में मिले निर्देश के तहत क्वारंटाइन जेल में कैदी को अब सात दिन ही रखा जाएगा। शेष सात दिन उन्हे मंडल कारा में बनाए गए क्वारंटाइन वार्ड में रखा जा रहा है। वहीं चारों जिला से गिरफ्तार होने वाली महिला बंदियों को दानापुर उपकारा में क्वारंटाइन के लिए भेजा जा रहा है। जेल अधिकारियों का कहना है कि जेल में इंट्री लेने वाले कैदियों को वार्ड से बाहर निकलने के दौरान आपस में मिलने जुलने और भोजन वितरण के दौरान कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए अलग वार्ड बनाया गया है। जहां क्वारंटाइन होने के बाद उनकी सैंपल जांच कराई जाती है, रिपोर्ट निगेटिव होने पर ही उसे अन्य वार्ड में भेजा जाता है।
जेल में मुलाकातियों पर भी लगाई गई रोक:
कोरोना संक्रमण नहीं फैले इसके लिए मुलाकातियों पर रोक लगा दी गई है। गत मार्च माह से इस पर रोक लगा दी गई है। जेल अधीक्षक ने कहा कि जेल में कोई मुलाकाती सुविधा बंद कर दी गई है। वहीं कैदियों को वीडियो कांफ्रेसिग के माध्यम से ही पेशी की जा रही है। कैदियों को जेल से अब कोर्ट भेजने का झंझट नहीं है।