सासाराम ब्यूरो चीफ संदीप भेलारी
रोहतास। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना(पीएमएमवीवाई) में रोहतास जिला पूरे राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया है। जबकि समस्तीपुर व औरंगाबाद क्रमश: दूसरे व तीसरे स्थान पर है। इस योजना के तहत प्रति आंगनबाड़ी क्षेत्र में प्रथम बार मां बनने वाली 15 महिलाओं को लाभ दिलाने का लक्ष्य निर्धारित है। जिसमें रोहतास जिला 12 जून तक लक्ष्य को पार करते हुए 119 फीसद उपलब्धि हासिल कर राज्य में प्रथम स्थान हासिल किया है।
पीएमएमवीवाई के जिला नोडल अधिकारी सह डीपीओ सुनीता ने बताया कि इस योजना में प्रथम बार मां बनने वाली महिलाओं के साथ उनके बच्चे के स्वास्थ्य का ख्याल रखा जाता है। 12 जून तक जिलावार योजना की वर्तमान स्थिति से राज्य मुख्यालय को अवगत कराया गया है। जिले में कुल 3288 आंगनबाड़ी केंद्र क्रियाशील हैं, जिसमें प्रत्येक आंगनबाड़ी से जुड़ी 15 महिलाओं को लाभ दिलाने के लक्ष्यानुसार कुल 50820 लाभुकों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिले में लक्ष्य के सापेक्ष 12 जून तक 60361 लाभुकों का विवरण कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर में फीड किया गया है, जो लक्ष्य का 119 फीसद है। बताया कि जिले में 50820 लाभुकों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। लक्ष्य से भी 19 प्रतिशत अधिक काम होना गौरव की बात है। विदित हो पिछले वर्ष 2019 में मातृ वंदना योजना में रोहतास पूरे राज्य में तीसरे नंबर पर था।
लॉकडाउन में भी चलता रहा काम:
जिला प्रोग्राम से जुड़े अधिकारियों की मानें तो कोरोना को ले लॉकडाउन में भी जिले के सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सर्वे और लाभुकों तक लाभ पहुंचाने के कार्य में लगाया गया था। घर-घर जाकर कोरोना सर्वे करने के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकार्तओं ने पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं का आवेदन फार्म जमा करावाया और उनका लाभ भी दिलावाने में अहम भूमिका निभाई। कोविड 19 के संक्रमण काल में लाभुकों तक अनुदान की राशि सरलता से पहुंचाने में नई तकनीक का भी सहारा लिया गया। क्या है योजना:
संस्थागत प्रसव में इजा़फा एवं गर्भवती महिलाओं को विशेष सुविधा मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत प्रथम बार मां बनने वाली माताओं को 5000 रुपये की सहायक धनराशि दी जाती है, जो सीधे उस महिलाओं के खाते में पहुंचती है। इस योजना के तहत दी जाने वाली धनराशि को तीन किश्तों में दिया जाता है। पहली किश्त 1000 रुपये की तब दी जाती है, जब गर्भवती महिला अपना पंजीकरण कराती है। दूसरी किश्त में 2000 रुपये गर्भवती महिला को छह माह बाद होने प्रसव पूर्व जांच के उपरान्त दी जाती है। तीसरी और अंतिम किश्त में 2000 रुपये बच्चे के जन्म पंजीकरण के उपरांत एवं प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने के बाद दिया जाता है।