सासाराम ब्यूरो चीफ संदीप भेलारी
सासाराम
रोहतास बरसात के दिनों में होने वाली जलजनित बीमारी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एहतियातन तैयारी शुरू कर दी है। साथ ही सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में क्वीक रेस्पांस टीम (क्यूआरटी) का गठन किया गया है। इसके लिए पूर्व में जलजमाव से उत्पन्न होने वाली बीमारी वाले स्थलों को चिह्नित कर उन स्थलों पर विशेष नजर रखी जाएगी। जरूरत पड़ने पर यथाशीघ्र उपचार व निरोधात्मक कार्रवाई के लिए टीम गठित की जाएगी। वहीं जिला प्रशासन ने भी बरसात के दिनों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने को ले पीएचईडी को तत्पर रहने का निर्देश दिया है। ताकि बरसात के दिनों में जल जमाव से होने वाली बीमारी महामारी का रूप न ले सके। साथ ही ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर प्रभावकारी कदम उठाया जा सके। मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में विशेष सतर्कता
जलजमाव के चलते बरसात में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। जिससे डेंगू, मलेरिया, कालाजार का तेजी से फैलाव होता है। ऐसी स्थिति में मलेरिया प्रभावित नौहट्टा, रोहतास आदि प्रखंडों में सतत निगरानी रखते हुए डीडीटी व फॉगिग मशीन से मच्छररोधी दवा का छिड़काव सुनिश्चित किया गया है। क्यूआरटी का होगा गठन
बाढ व जलजमाव से महामारी की स्थिति से निबटने के लिए जिला व प्रखंड स्तर पर क्विक रेस्पांस टीम का गठन किया गया है। जिसमें चिकित्सा पदाधिकारी, स्वच्छता निरीक्षक, परिचारिका, पारामेडिकल व अन्य स्वास्थ्यकर्मी होंगे। ऐसे क्षेत्रों में दवाओं की भी उपलब्धता पूर्व से सुनिश्चित की जाएगी। जिनमें ओआरएस पैकेट, ग्लूकोज स्लाइन, नॉर्मल स्लाइन, रिगर लैक्टेट समेत 14 प्रकार की जीवन रक्षक दवाएं शामिल हैं। इसके अलावा एंटी रैबीज वैक्सीन व सर्पदंश की दवा भी उपलब्ध कराई जाएगी। कहते हैं उपाधीक्षक
बरसात में स्वाभाविक रूप से जलजनित बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं। उससे निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से तैयार है। सदर अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक क्यूआरटी का गठन किया गया है। वहीं मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में डीडीटी का छिड़काव किया जा रहा है। साथ ही लोगों को स्वच्छ व उबाल कर पानी पीने की सलाह दी जा रही है। सभी अस्पतालों में जल जनित बीमारियों के रोकथाम के लिए आवश्यक दवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित कराई जा रही है।