आरा/बिहार
आरा के रियायशी इलाकों में लगा धारा 144. अनुमंडल पदाधिकारी अरुण प्रकाश ने इस बात की जानकारी दी है. शहर के सबसे व्यस्ततम इलाके जैसे अवरपुल, रामगढ़िया, बड़ीमस्जिद, गोपाली कुआं, शीशमहल चौक, धर्मन चौक, टाउन थाना, डिस टैंक रोड, नवादा चौक में काफी भीड़भाड़ रहती है, स्कूल, अस्पताल, प्रमुख व्यापारिक इसी मार्ग पर होने के कारण इस मार्ग पर आयोजित जुलूस प्रदर्शन से आमजन एवं जनजीवन को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. जिसकी वजह से आरा में 144 धारा लागू कर दिया गया है।
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संवाददाता अजीत कुमार
पूर्णिया ;जिला के रुपौली थाना क्षेत्र के मोहनपुर ओ पी क्षेत्र के पंचायत विजय मोहनपुर स्थित सुनील नगर गाँव वार्ड नं09 से
सुनील नगर के ग्रामीणों ने अंचल कार्यालय रूपौली को लिखित आवेदन दिया है जिसमे सुनील नगर ग्रामवासी ने लिखा है कि हम सभी ग्रामीण 1992 ई0 से निवाश करते आ रहे हैं करीब 27 वर्षों से सीलिंग /भू हद बन्दी के जमीन पर अपना निवास करते आ रहे हैं जिसमे की सरकार के तरफ से 4 चार ईट सोलिंग सड़क, बिजली,बिहार सरकार गन्ना मंत्री माननीय विधायका श्रीमति बीमा भारती के द्वारा बनाया गया सामुदायिक भवन, आँगनवाड़ी केंद्र, 2010 से कार्यरत प्राथमिक विद्यालय सुनील नगर के नाम से चल रहा है
लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि किसी कारण या फिर भवन नहीं रहने के कारण तत्काल प्राथमिक विद्यालय सुनील नगर को राजकीय बुनियादी विद्यालयों में कुछ समय के लिए सिफ्ट कर दिया गया है
जमीन प्राथमिक विद्यालय के लिए सुरक्षित है लेकिन सिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक प्राथमिक विद्यालय सुनील नगर को भवन के लिए जमीन का पेपर चाहिए
यहाँ तो सीलिंग की जमीन है प्राथमिक विद्यालय सुनील नगर के नाम से रजिस्ट्री कोन करेगा क्योंकि सीलिंग की जमीन तो स्वयं सरकार की जमीन है
इसलिए ग्रामीणों ने अंचल अधिकारी रूपौली को लिखित आवेदन दिया है कि प्राथमिक विद्यालय सुनील नगर के नाम से जमीन का प्रमाण पत्र निर्गत करने की मांग की है
ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय गाँव से अधिक दूर होने के कारण छोटे छोटे बच्चे सब पढ़ने के लिए नहीं जा पाते है
अगर प्राथमिक विद्यालय सुनील नगर के नाम से विद्यालय के लिए जमीन नहीं किया गया तो यहाँ के गरीब परिवार के बच्चे शिक्षा से बिछड़ जायेंगे
जमीन का ब्योरा इस प्रकार है
खाता – 551,खे्सरा 1113,रकवा 12 एकर 5 डिसमिल
अब देखना ये है कि आखिर कब तक में ग्रामीणों की मांग पर खरे उतरते है रुपौली के अंचल अधिकारी कब बच्चो के कस्ट को दूर कर शिक्षा की ओर लाने का काम करते हैं या यहाँ के बच्चे शिक्षा से वंचित रहते हैं