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मधुबनी-माननीय मंत्री, कृषि विभाग की अध्यक्षता में जिला परामर्शदातृ समिति की बैठक का आयोजन

मधुबनी से किशोर कुमार की रिपोर्ट

मधुबनी: डाॅ0 प्रेम कुमार, माननीय मंत्री, कृषि विभाग तथा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग-सह-जिला प्रभारी मंत्री, मधुबनी की अध्यक्षता में रविवार को डी0आर0डी0ए0 स्थित सभाकक्ष में जल-जीवन-हरियाली अभियान को लेकर जिला परामर्शदातृ समिति की बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में श्री शीर्षत कपिल अशोक, जिला पदाधिकारी-सह-संयोजक, जिला परामर्शदातृ समिति,जल-जीवन-हरियाली अभियान, मधुबनी, डाॅ0 दिलीप कुमार चौधरी, माननीय विधान पार्षद, मधुबनी, श्री समीर कुमार महासेठ, माननीय विधायक, मधुबनी, श्रीमती शीला देवी, माननीय अध्यक्ष, जिला परिषद, मधुबनी, श्री दुर्गानंद झा, अपर समाहत्र्ता, मधुबनी, श्री अजय कुमार सिंह, उप-विकास आयुक्त, मधुबनी समेत अन्य सभी विभागों के पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
बैठक को संबोधित करते हुए माननीय मंत्री, कृषि विभाग तथा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार के द्वारा बताया गया कि पूरे दुनिया में ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को देखते हुए एवं बिहार में जलवायु परिवत्र्तन के कारण उत्पन्न समस्याओं से निबटने के लिए जल-जीवन-हरियाली अभियान कार्यक्रम की शुरूआत सरकार के द्वारा की गयी है। जिसके तहत 3 वर्षों का प्रोजेक्ट के तौर पर जनांदोलन का रूप देकर हमें पूरे बिहार में हरित आवरण का प्रतिशत बढ़ाना है। जिसके लिए हमें पेड़ पौधा लगाना है और पेड़ बचाना है। इसके साथ ही हम सभी सार्वजनिक तालाबों, पोखरों, आहरों, पईनों का जीर्णोद्धार करेंगे तथा सर्वाजनिक कुओं, चापाकलों, नलकूपों के किनारे सोख्ता का निर्माण कर जल संचयन का कार्य करेंगे। वर्षा जल संरक्षण के लिए सभी सरकारी भवनों में छत-वर्षा जल संचयन की संरचना का निर्माण कर वर्षा जल का संचयन करेंगे। मिशन 2.51 करोड़ वृक्षारोपण के लक्ष्य के तहत जिले में पौधशाला सृजन कर सघन वृक्षारोपण किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि नए जल स्त्रोंतों का सृजन एवं अधिशेष नदी जल क्षेत्र से जल की कमी वालें क्षेत्रों में जल ले जाने तथा वैकल्पिक फसलों, कम पानी में खेती करने हेतु टपकन सिंचाई, को बढ़ावा देने एवं किसानों को प्रशिक्षित करने, जैविक खेती एवं अन्य नई तकनीकों का उपयोग कर खेती करने पर बल दिया जायेगा।
सौर उर्जा का अधिक-से-अधिक उपयोग हो तथा उर्जा की बचत हेतु विभिन्न संसाधनों एवं व्यवहार में परिवत्र्तन लाकर कम-से-कम उर्जा का खपत करें यह आवश्यक है। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत 11 विभागों यथा-ग्रामीण विकास विभाग(मनरेगा), लघु जल संसाधन विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवत्र्तन विभाग, जल संसाधन विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, कृषि विभाग, भवन निर्माण विभाग, उर्जा विभाग तथा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग एवं जीविका की सहभागिता है।
तत्पश्चात जिला पदाधिकारी-सह-संयोजक, जिला परामर्शदातृ समिति, जल- जीवन- हरियाली अभियान, मधुबनी के द्वारा बताया गया कि सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं को चिन्हित कर अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई की जा रही है। सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं का जीर्णोद्धार के तहत एक एकड़ से अधिक तथा एक एकड़ से कम के तालाब/पोखर का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। सार्वजनिक कुओं को चिन्हित कर उसका जीर्णोद्धार किया जा रहा है। सार्वजनिक कुआं/चापाकलों/नलकूपों के किनारे सोख्ता का निर्माण कार्य किया जा रहा है। छोटी-छोटी नदियों-नालों में जल संग्रहण क्षेत्रों में चेक डैम एवं जल संचयन के अन्य संरचनाओं का निर्माण कार्य ग्रामीण विकास विभाग तथा लघु जल संसाधन विभाग के द्वारा किया जा रहा है। नए जल स्त्रोंतों का सृजन के तहत ग्रामीण विकास विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के द्वारा कुल 74 पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। भवनों में वर्षा जल संचयन हेतु भवन निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग के द्वारा छत वर्षा जल संचयन संरचना का निर्माण किया जा रहा है। जिसके तहत भवन निर्माण विभाग के द्वारा 35 भवनों में छत वर्षा जल संचयन संरचना का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। शेष पर निर्माण कार्य जारी है।
जैविक खेती एवं टपकन सिंचाई हेतु कुल 150 आवेदन ऑनलाईन प्राप्त हुआ है, जिसके तहत जैविक खेती तथा टपकन सिंचाई से सिंचाई कराने की कार्रवाई की जा रही है। सौर उर्जा उपयोग को प्रोत्साहन एवं उर्जा की बचत के तहत भवन निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न भवनों पर सौर उर्जा उपयोग करने तथा उर्जा की बचत करने पर कार्रवाई की जा रही है।
तत्पश्चात जिला पदाधिकारी-सह-संयोजक, जिला परामर्शदातृ समिति, जल- जीवन- हरियाली अभियान, मधुबनी के द्वारा बताया गया कि मिथिला महावृक्ष संरक्षण अभियान के तहत जल संचय एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु महावृक्षों के संरक्षण का कार्य किया जा रहा है। जिसका मुख्य उदेश्य जल संचय ही नहीं बल्कि पर्यावरण संतुलन तथा वन प्राणियों के संरक्षण के साथ-साथ मानव जीवन की भी सुरक्षा है। महावृक्ष संरक्षण अभियान के संचालन के लिए एक टीम का गठन किया गया है, जिसमें कृषि विभाग, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, शिक्षा विभाग के माध्यम से सभी पंचायतों से 10-10 महावृक्षों का चयन किया जा रहा है। प्रथम चरण में प्रत्येक प्रखंड से 05 उत्कृष्ट महावृक्षों के सरंक्षण का कार्य किया जा रहा है। माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार के द्वारा जिला पदाधिकारी, मधुबनी के द्वारा शुरू किये गये महावृक्ष संरक्षण अभियान की सराहना की गयी एवं जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत महावृक्ष संरक्षण अभियान को बैठक के माध्यम से अनुमोदित किया गया।

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