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कोरोना काल में जान जोखिम में डालकर भोजन उपलब्ध कराने वाले खादान्न योद्धा को महासभा ने किया सम्मानित

प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार

*सम्मान मिलेगा तो किसान भी अपने वाहन पर किसान लिखकर चलेंगे- ब्रहमदेव प्रसाद सिंह!*

*जिल्लत भरी जिंदगी देखकर किसान अपने बेटे को किसान नहीं बनने देना चाहते- सुनील कमार!*

समस्तीपुर

अपनी जिल्लत भरी जिंदगी के कारण “किसान” सैनिक, पुलिस, वकिल, डाक्टर आदि की तरह अपने गाड़ी पर किसान नहीं लिखते हैं।अपने, पत्नी, माँ, बाप, बेटे, बेटी के साथ अपने खून- पसीने को अपने खेत में होम की तरह जलाते हैं।उनके लिए जाड़ा, गर्मी, वर्षात के साथ रात हो या दिन कोई मायने नहीं रखता। वे देशवासियों को पेट भरने के लिए अपनी सारी सुख- सुविधा का त्याग किये रहते हैं। एक तरफ वे सरकारी दमन तो दूसरी ओर प्राकृतिक कहर के शिकार भी होते रहते हैं।पुलिस- प्रशासन से लेकर खाद, बीज, खल्ली बिक्रेता तक उनका दोहन करते रहते हैं. बाबजूद बिना गीला- सीकवा के वे निरंतर हमारे देश के विभिन्न हिस्से में फैले देशवासियों के लिए भोजन, फल, मसाला समेत तमाम प्रकार के खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराते रहते हैं।
कोरोना काल में जब अधिकांश पेशे के लोग अपनी सुरक्षा को लेकर अपने-अपने घरों में बंद हैं जबकी किसान निरंतर खेतों में मौजूद हैं।सरकार द्वारा पुलिस, डाक्टर आदि को सम्मानित किया जा रहा है लेकिन अन्नदाता को दोयम दर्जे का नागरिक समझा जा रहा है।ऐसी स्थिति किसानों की होसला आफजाई के लिए भाकपा माले से जुड़ी अखिल भारतीय किसान महासभा आज देश स्तर पर किसानों को सम्मानित कर रही है।इसी कड़ी में प्रखण्ड के कई पंचायतों में किसान सम्मान समारोह का आयोजन किया गया है।मोतीपुर में आयोजित किसान सम्मान समारोह में अपने अध्यक्षीय भाषण देते हुए चर्चित किसान नेता ब्रहमदेव प्रसाद सिंह ने मौके पर उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए उक्त बातें कहा।
कार्यक्रम का संचालन माले जिला कमिटी सदस्य सह आइसा जिला सचिव सुनील कुमार ने किया।मौके पर राजदेव प्रसाद सिंह, विष्णु देव कुमार, शंकर सिंह, विजय कुमार, उपेंद्र सिंह, मोतीलाल सिंह, शिवन सिंह, बासुदेव राय, संजय शर्मा, दिनेश सिंह, श्याम कुमार, रामबाबू सिंह, मंजीत सिंह आदि गणमान्य किसान उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में लाकडाउन के दौरान मरे किसान- मजदूर की याद में दो मिनट का मौन श्रद्धांजलि दिया गया।
आंधी, ओलावृष्टि आदि से बर्बाद फसल का मुआवजा देने, केबीसी समेत अन्य सभी प्रकार के कृषि त्रस्त माफ करने, फसल- सब्जी खरीद की गारंटी करने, नि: शुल्क बिजली- पानी देने समेत अन्य किसानहित की मांग की गई।

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