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भाकपा माले -खेमस -निर्माण मजदूर और ऐपवा ने धनरुआ में मनाया मजदूर दिवस

मसौढी में (1886) मजदूरों ने पहली जंग 8 घंटे काम के लिए जीता था । साथ ही साथ मजदूरों ने सम्मान और सुरक्षा की भी लड़ाई जीत हासिल हुई थी ।इससे पहले मजदूरों के कामकाज के घंटे तय नहीं थे। पूंजीपति और मालिक एक मजदूर को बैल की तरह जब तक काम समाप्त नहीं हो जाता तब तक लगाए रखता था। ना तो सम्मान की सुरक्षा थी ना तो बेहतर मजदूरी न खाने और पानी पीने की व्यवस्था ।इसका विरोध करने पर पूंजीपति और मालिकों द्वारा एक मजदूर को गुलाम जैसा व्यवहार किया जाता था। इस गुलामी के शिकंजे से मुक्ति के लिए दुनिया के मजदूरों ने एकता व्द्धध होकर संघर्ष छेड़ा और इस लड़ाई में हजारों हजार मजदूरों ने अपनी जान की कुर्बानी दी। लेकिन अंतत: लड़ाई मजदूरो ने जीत हासिल कर ली, जो शिकागो आंदोलन के नाम से जाना जाता है । शिकागो आंदोलन ने एक मजदूर को काम के घंटे 8 घंटे तय कर दिए और एक मजदूर की सुरक्षा और सम्मान भी दिया जाय ।
भाकपा-माले केन्द्रीय कमेटी सदस्य सचिव बिहार गोपाल रविदास ने उपस्थित कैडरो से आज मजदूर दिवस पर कहा ।
कि आज जब पूरा विश्व कोरोना महामारी -लॉकडाउन की संकट से जूझ रहा है। भारत की नरेंद्र मोदी सरकार कोरोना वायरस और लॉक डॉन के बहाने फिर से काम के घंटे को 12 घंटा करना चाह रही है। देश के मजदूर कभी भी बर्दाश्त नहीं करेंगे ।उन्होंने कहा कि 1 मजदूरों के सम्मान की जब बात है तो कोरोना वायरस जैसे माहवारी के संकट में लाकॅडाउन लाने के बाद हजारों हजार की संख्या में दूसरे प्रदेशों में जो मजदूर काम करने गए हैं, वह भारी संकट में है ।संकट इतना गहरा है कि संपूर्ण काम धंधे बंद है । फैक्ट्री मालिक मजदूरों को फैक्ट्री बंद करके बाहर कर दिया है ।ऊपर से सरकार खाने और रहने की कोई संपूर्ण व्यवस्था नहीं कर रही है ।उनके सम्मान और सुरक्षा पर चोटें पहुंचाई जा रही है ।
मौत से बचाव के लिए कोई सुरक्षा की गारंटी नहीं है ,ना तो उनके गटर में जाने लायक पहनावा और सामग्री ही उपलब्ध कराया जाता है ।आज कोरोना जैसे महामारी के संकट के समय में डॉक्टर, नर्स ,सफाई कर्मचारी ,पुलिस दिन रात लगे हुए हैं महीनों महीने से अपने बाल बच्चे मिलने और घर नहीं जा पाए हैं,ऊपर से कोरोना वायरस की जांच के लिए सुरक्षा की किट भी उपलब्ध नहीं है ।हमेशा महामारी के चपेट में आने की संभावनाएं बनी रहती है। कई डॉक्टरों ,नर्स, सफाई कर्मचारी ,पुलिस की जाने चली गई है फिर भी यह सरकार है हाथ पर हाथ धरकर बैठी हुई है। आज भी 1886 की जीते वर्तमान में चुनौती बना हुआ है ।आज के संदर्भ में शिकागो मजदूर आंदोलन की प्रासंगिकता ताजा हो उठी है । इसलिए आज की जो वर्तमान चुनौती है ।तमाम मजदूरों को संघर्ष के लिए हमेशा तैयार रहना होगा ।मजदूर दिवस पर मसौढी अनुमंडल के सभी पंचायतों में झंडा तोलन किए गए। मजदूर आंदोलन के संदेश को पंचायत के खेत मजदूर ,महिला, निर्माण मजदूर, मनरेगा मजदूर के बीच में जो उपस्थित हैं ले जाने की आवश्यकता है ।
झंडातोलण और आधार पत्र शारीरिक दूरी बनाकर के साफ- सफाई का ध्यान रखते हुए साफ- सुथरा रहो स्वस्थ रहो की बातें बताते हुए आधार पत्र पढ़ा गया और सभी लोगों से आह्वान किया गया कि इसको अमल में लाया जाए। धनरूआ प्रखंड के वीर ,देवधा ,छाती ,धनरूआ, सांडा ,पत्थहट ,सोनवई, बौरही- गोविंदपुर ,मोरियावां,वारी विघा ,डेमा ,मयी -नेतौल आदि पंचायतों में झंडातोलन कर मजदूर आंदोलन में हुए शहीद को सलामी दी गई ।और मजदूर दिवस जिंदाबाद, दुनिया के मजदूरों एक हो ,फासीवाद का नाश हो, मजदूरों की जीत हो सभी गरीबों को राशन देना होगा ,मनरेगा में 200 दिन काम ₹500 की गारंटी करो सभी मजदूरों के खाते में ₹10000 देना होगा, चिकित्सा और खाने की व्यवस्था करनी होगी आदि नारे लगाए गए और मोदी- नीतीश सरकार द्वारा दिए गए मजदूरों के खिलाफ चुनौती को कबूल करते हुए आने वाले दिनों में संघर्ष तेज करने का संकल्प लिया गया ।
इस कार्यक्रम में भाकपा माले केंद्रीय कमेटी के सदस्य सह अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के प्रांतीय सचिव गोपाल रविदास ,भाकपा माले जिला कमेटी सदस्य व वारी विगहा बीघा पंचायत के माननीय मुखिया तथा मुखिया संघ के अध्यक्ष प्रमोद यादव ,अभिनेत्री कमला देवी ,निर्माण मजदूर के प्रखंड सचिव कामरेड शिवपूजन यादव ,अखिल भारतीय खेत मजदूर सभा के राष्ट्रीय पार्षद जितेंद्र राम, पूर्व मुखिया विनोद कुमार जनवादी ,पार्टी प्रखंड कमेटी माले के सदस्य उपेंद्र मांझी, निर्माण मजदूर के नेता सिद्धेश्वर दास ,नवल दास ,मुन्ना वर्मा ,किसान महासभा के नेता निरंजन वर्मा ,श्याम बाबू वर्मा ,प्रखंड कमेटी माले के नेता वीरेंद्र प्रसाद, सुरेंद्र दास ,महिला नेत्री मीना देवी, लक्ष्मीनिया देवी, पूर्व मुखिया किरण देवी, ग्रीन पासवान अनिल दास श्री भगवान पासवान आदि सहित दर्जनों की संख्या में नेता और कार्यकर्ता ने इस कार्यक्रम में भाग लेकर मजदूर आंदोलन को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया ।
भाकपा माले के नेता गोपाल रविदास ने बताया कि इसी तरह का कार्यक्रम मसौढ़ी ,पुनपुन प्रखंडों में भी आयोजित किए गए ,जिसमें पार्टी कार्यालय मसौढी में कमलेश कुमार ,विनेश चौधरी, संजय पासवान ,बैदौली चपौर ,खरांट, चरमां,नूरा आदि जगह पर हुए ।वही पुनपुन में मोहन प्रसाद ,जय प्रकाश पासवान, मुखिया मदन पासवान आदि लोगों ने झंडातोलन कर मजदूर दिवस को सफल बनाते हुए संघर्ष करने का आह्वान किए ।भवदीय :-गोपाल रविदास केंद्रीय
कमेटी सदस्य भाकपा माले व खेत मजदूर सभा, सचिव बिहार

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1 comment

Sandeep Wokil May 1, 2020 at 9:57 am

मगर आज भी किसी सही काम के लिए बड़े अधिकारी सराहना मिलती है जबकि किसी भूल – चूक के लिए छोटे कर्मचारी दोषी ठहराया जाता है।

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