नौहट्टा
नौहट्टा प्रखंड के तिअरा सीआरपीएफ कैंप में पटना से चलकर सिंगरौली, मध्यप्रदेश पैदल जा रहे 15 भूखे मजदूरों को जवानों ने भोजन कराया। सभी मजदूर पटना के बालू घाट पर मजदूरी करते थे। काम बंद होने से मजदूर बेरोजगार हो गए। इसी बीच लॉकडाउन में यातायात साधन नहीं मिलने से मजदूर 15 अप्रैल को पटना से सिंगरौली के लिए पैदल यात्रा शुरू किए थे। संयोग से नौहट्टा के तिअरा सीआरपीएफ कैंप पर ड्यूटी में तैनात जवानों ने मजदूरों को पीठ पर झोला- बोरा ले जाते देख पूछताछ की तो स्थिति स्पष्ट हुई। मजदूरों ने आपबीती सुनाई। जवानों ने मजदूरों को कैंप के मुख्य द्वार पर बैठाकर सहायक को सूचना दी। मजदूरों ने बताया कि पटना से खाना खाकर चले हैं, रास्ते में केवल बिस्कुट खाए हैं। जिस गांव में रात होती है वहीं ठहरते हैं। सुबह होते यात्रा शुरू कर देते हैं। दो दिन पूर्व रात में एक गांव में रुके तो गांव के लोगों ने खाना दिया था। उसके बाद रास्ते में कहीं भोजन नसीब नही हुआ। लॉकडाउन में एक महीना पटना में रुके रहे। जो पैसा व राशन सामग्री था, सब खत्म हो गया। भुखमरी के कगार पर आ गए तो अपने घर सिंगरौली के लिए सोन नदी किनारे का मार्ग चयन किए। मजदूरों की व्यथा सुन जवानों ने मजदूरों को खाना खिलाकर कहा कि यदि रुकना चाहते है तो रुके, स्कूल में हम खाना-रहने का प्रबंध करेंगे। लेकिन मजदूर रुकने के लिए तैयार नहीं थे। सहायक समादेष्टा सुभाषचंद्र झा ने मजदूरों की स्क्रिनिंग जांच करने के बाद उन्हें रास्ते में खाने के लिए चुरा-गुड़ दिया गया।