जब्त कार केसरिया के पर्यटक भवन में कैसे पहुंची, जब्त कार का उपयोग करते हैं पदाधिकारी।
डुमरियाघाट थाना में विदेशी शराब खेप में हुआ कार जब्त को थाने के कर्मी एवं पदाधिकारी करते हैं अबैध तरीके से उपयोग।
(पूर्वी चंपारण से दीपू कुमार गिरि की रिपोट)
केसरिया/बिहार:-प्रखंड परिसर में बना पर्यटक भवन आजकल खासे चर्चा में है। वैसे तो केसरिया का यह पर्यटक भवन अपने निर्माण काल से ही विवादों के घेरे में रहा है। यहां के स्थानीय विधायक डॉ.राजेश कुमार एवं बब्लूदेव के अथक प्रयास से विश्व प्रसिद्ध केसरिया बौद्ध स्तूप के दर्शनार्थ आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के ठहराव के लिए निर्मित यह पर्यटक भवन आजकल यहां के प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों का आवास बना हुआ है। वर्तमान में इस पर्यटक भवन का उपयोग यहां के प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी एवं प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी अपने-अपने आवास के रुप में करते हैं।
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार
जिले के एक वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर रविवार की देर रात्रि केसरिया के पर्यटक भवन में पुलिस ने सघन छापेमारी की थी। सूत्रों का कहना है कि जिले के वरीय पुलिस अधिकारियों को यह सूचना मिली थी कि केसरिया के पर्यटक भवन में कोई प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी शराब के नशे में हैं। इसी सूचना के आलोक में रविवार की देर रात केसरिया सहित चार थाने की पुलिस एकाएक पर्यटक भवन पहुंची और छापेमारी की। हालांकि छापेमारी में पुलिस को कुछ हाथ नहीं लगा। जानकारों के मुताबिक माने तो शराब पीने की पुष्टि के लिए पुलिस टीम ने यहां के एक पदाधिकारी की ब्रेथ एनेलाइजर से जांच भी की थी। छापेमारी और जांच में पुलिस को क्या मिला और इस मामले में अग्रतर कार्रवाई क्या हुई इसकी अधिकारिक तौर पर अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है। पुलिस छापेमारी के बाद सोशल मीडिया पर एक एक वीडियो वायरल हो रहा है। रात के दृश्य वाले वीडियो में यह स्पष्ट दिख रहा है कि केसरिया के पर्यटक भवन परिसर में प्रशासन की एक गाड़ी के अलावें UP16BE-8138 नंबर की एक मारुति स्वीफ्ट डिजायर कार भी खड़ी है।
सूत्रों की अगर माने तो इस मारुति स्वीफ्ट डिजायर कार की सवारी करते हुए यहां के अंचलाधिकारी गाहे-बेगाहे देखे गए हैं। यूपी नंबर की इस मारुति स्वीफ्ट डिजायर कार को भारी मात्रा में विदेशी शराब के साथ जिले की डुमरियाघाट पुलिस ने बरामद किया था।
अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि शराब मामले में जब्त कार केसरिया के पर्यटक भवन में कैसे पहुंची और पुलिस द्वारा जब्त कार का उपयोग एक पदाधिकारी कैसे कर रहे थे।