मुश्किल से मिले इस वक्त को अपनों के साथ यादगार बनाएं: डॉ मालिनी राय सिन्हा
मदन
डेहरी ओन सोन रोहतास
कोरोना वायरस संक्रमण बीमारी से कई देशों में अफरा तफरी मची हुई है। पूरे विश्व की निगाहें भारत पर टिकी है हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना से लड़ने के लिए सभी भारतीय एक साथ खड़े हैं। उक्त बातें वरिष्ठ नयूरोसायकियेट्रिस्ट मनोचिकित्सक डा उदय कुमार सिन्हा ने नव बिहार टाइम्स को बताया
कि कोरोना वायरस इस तरह के इस युद्ध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का लगाया गया जनता कर्फ्यू तथा पूरे देश में लॉक डाउन का ऐतिहासिक निर्णय से ही आज भारत की स्थिति अन्य देशों की अपेक्षा अच्छी है वही इस लड़ाई में पूरे देश की जनता प्रधानमंत्री के साथ एक साथ खड़ी है उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि लॉक डाउन का पालन करें । आपकी नकारात्मक सोच विचार की प्रवृत्ति से डिप्रेशन बढ़ेगा और कोरोना जैसे वायरस से लड़ने की क्षमता कम होगी। ऐसे ही समय में लोगों की धर्य की असली परीक्षा होती है बदली दिन चर्चा में कुछ समय अपने शुभचिंतकों से फोन के जरिए जुड़ कर भी पुरानी यादों को ताजा करें । दूसरे के फोन पर भी बात करते समय सिर्फ और सिर्फ कुरना वायरस के खतरों के बारे में वार्तालाप बिल्कुल ना करें। उन्होंने कहा कि हम चिकित्सक का पब्लिक के प्रति यह कर्तव्य बनता है कि आम जनता को अपनी सेवा ऑनलाइन दें या जो लोग क्लीनिक पर पहुंच जाएं उनको हम अपनी सेवा दे सकते हैं ताकि अन्य बीमारियों से लोगों की परेशानी ना हो।
लाॅक डाउन में लोगों की आमदनी व आजादी कम हो गई है और उनके पास फालतू वक्त और असुरक्षा की भावना बढ़ गई है तो लिहाजा है कि तनाव बनना लाजिम है हम इस तनाव को अपने सूचना का नजरिया बदल कर दूर कर सकते हैं। इस संक्रमण बीमारी फैलाव को रोकने के लिए जरूरी है कि आप घर में रहकर देश और समाज के लिए अपना विशेष योगदान दे रहे हैं संक्रमण से बचाव का मूल मंत्र है अपनी नकारात्मक सोच ,आप लाॅक डाउन की लक्ष्मण रेखा न लाँघे। वही कोरोना वायरस के संबंध में वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक चिकित्सक डॉ मालनी राय सिन्हा ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉक डाउन मे मुश्किल से मिले इस वक्त को अपने घर परिवार के साथ बिताएं इसे यादगार बनाएं। कोरोना वायरस को मात देने के लिए घर से निकलना पूरी तरह मना है ऐसे लोगों को घर में मन लगाने के लिए टीवी पर चल रहा है कई कार्यक्रमों के अलावा रामायण महाभारत के अलावे सगे संबंधियों इस मित्रों से फोन से संदेशों का आदान-प्रदान होना लॉक डाउन प्रभात छुट्टी की तरह इस्तेमाल करें पत्नी और बच्चे को अपना समय दे पूर्णा से डरने की जरूरत नहीं है हम सभी चिकित्सक इस दुख की घड़ी में एक साथ खड़े होकर अपनी सेवा दे रहे हैं ।बीमारी के लक्षण होते ही प्रशासन को खबर करें।