बिक्रमगंज/रोहतास
शहर के तेंदुनी चौक स्थित बने स्क्रीनिंग सेंटर से एक संदिग्ध मरीज के फरार होने की बातें प्रकाश में आई है। जिसके बाद लोगों की सांस कोरोना वायरस के भय से अटकी मालूम पड़ रही है। संदिग्ध को पेट्रोलिंग गश्ती में पुलिस ने शहर के नासरीगंज रोड से हिरासत में लेकर तेंदुनी चौक पर बने अस्थायी स्क्रीनिंग सेंटर के पास जांच के लिए लाया गया था। जहां मौका देखकर भागने में सफल रहा। कर्मियों ने बताया कि संदिग्ध की पहचान पुरानी बाजार मकरा सारण, के निवासी जिंद रमजान के 60 वर्षीय पुत्र अली मियां के रूप में हुई है। वह सारण से चलकर दो दिन पटना के फुलवारीशरीफ में ठहरा था। वह ट्रक से बिक्रमगंज पहुंचा था। जिसे पुलिस गश्ती में संदिग्ध के आधार पर गिरफ्तार किया था। वह सर्दी, खांसी, अस्थमा से पीड़ित था। उसे सांस लेने में परेशानी हो रही थी। ऐसे में संदिग्ध के फरार होने से शहर में चर्चा का विषय बनी है।
इस संबंबध में ड्यूटी पर तैनात डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि संदिग्ध को अनुमंडल अस्पताल भेजने के लिए बिठाया गया था। इसी बीच एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने से मौका पाते ही संदिग्ध भागने में सफल रहा। उसके प्रारंभिक लक्षण पॉजेटिव दिख रहे थे, लेकिन बिना तकनीकी जांच के कुछ कहना संभव नहीं। जांच के बाद कुछ कहा जा सकता है।
अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. अजय कुमार ने कहा कि स्क्रीनिंग सेंटर से उक्त संदिग्ध के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई गई थी। लेकिन अस्पताल का एंबुलेंस खराब होने से उसे भर्ती नहीं किया गया। जहां वह भागने में सफल रहा। इस बाबत सिविल सर्जन डॉ. जनार्दन शर्मा ने कहा कि इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।