रंजन कुमार ब्यूरो चीफ शेखपुरा
इतिहास के सुनहरे पन्नो की गवाह बनने जा रही है, सुवह 5 बजकर 30 मिनट पर चार गुनहगारो को फांसी मिलते ही ,न्यायालय के प्रति आस्था बढ़ गई,न्यायालय के बारे में ऐसी धारणा है कि तारीख़ पर तारीख़ भारतीय न्याय व्यवस्था की पहचान रही है लेकिन निर्भया कांड के दोषियों को फांसी रोकने के लिए जितने भी तिकड़म किया गया हो लेकिन सभी बेकार गया और चार आरोपियों को फांसी की सजा दे दी गई।कई सामाजिक संगठनों से जुड़ी स्वर्णिमा सिंह ने निर्भया कांड के दोषियों की मौत की सजा पर की गई कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा कि आज भी भारतीय संबिधान के तहत न्यायिक शक्ति काफी मजबूत है इससे एक तरफ जहां बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को बल मिलेगा वही समाज मे कुरीतियो को बढ़ावा देने बाले गलत मानसिकता के युवापीढ़ी पर भी लगाम लगेगा।श्रीमती स्वर्णिमा सिंह ने कहा कि आज बेटियां विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बढ़ा रही है लेकिन कुछ क्षुद्रकांक्षी प्रवृति के लोग इसे रोकना चाहते है यदि बेटीयों को इसका भय नही रहे तो देश,समाज और परिवार को सुंदर बनाने में कोई बाधा नही आ सकता है।श्रीमती स्वर्णिमा सिंह ने निर्भया की मां को भी बधाई दिया है जिन्होंने ने महिला सशक्तिकरण की सही उदाहरण पेश की।