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परमाणु विज्ञान से मानव जीवन काफी प्रभावित सीयूएसबी कुलपति प्रोफेसर राठौर

टिकारी/गया

टिकारी से ओमप्रकाश की रिपोर्ट

आज जहाँ एक तरफ भारत और विश्व परमाणु विज्ञान का उपयोग कर तेज़ी से विकास की तरफ अग्रसर है वहीँ इसके दूसरे तरफ दुष्प्रभाव भी हैं | इसमें कोई शंका नहीं कि परमाणु विज्ञान और इससे सम्बंधित तत्व विकास में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं लेकिन ये भी सुनिश्चित करना आवश्यक है कि इसके मानव एवं जीवों पर कोई दुष्प्रभाव न हो | ये चिंता दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के माननीय कुलपति प्रोफेसर हरीशचन्द्र सिंह राठौर ने विवि के भौतिकी विभाग द्वारा आयोजित तीन-दिवसीय संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह में व्यक्त की | जन संपर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मो० मुदस्सीर आलम ने बताया कि “एडवांस मैटेरियल्स एंड नुक्लियर साइंस” (एएमएनएस) – 2020 विषय पर आयोजित संगोष्ठी के प्रथम सत्र की अध्यक्षता करते हुए माननीय कुलपति ने अपने विचार रखते हुए परमाणु विज्ञान से जुड़े कई आयामों को साझा किया | अपने भाषण की शुरुवात उन्होंने भौतिकी विज्ञान से संबंधित प्रख्यात वैज्ञानिक प्रोफेसर पि० रामचंद्र राव के कार्यों एवं उनके योगदान का जिक्र करते हुए कहा | उन्होंने भारत के मिसाइल मैन और भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ० ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की पुस्तक ‘ विंग्स ऑफ फायर’ में वर्णित बातों को साझा किया | उन्होंने आयोजकों की सराहना करते हुए ये आशा जताई कि इस संगोष्ठी से भौतिक एवं परमाणु विज्ञान के नए पहलु सामने आएंगे जिससे देश एवं दुनिया के लिए लाभप्रद साबित हो सकता है।
इससे पहले तीन – दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी की औपचारिक शुरुवात दिया जला कर की गई, फिर सरस्वती वंदना हुई और अतिथियों को पौधे भेंट किये गए | उद्घाटन समारोह में माननीय कुलपति के साथ मुख्य अतिथि डॉ० आलोक बनर्जी, सेंटर डायरेक्टर, यूजीसी – डीएई कंसोर्टियम फॉर साइंटिफिक रिसर्च, इंदौर (मध्य प्रदेश) एवं विशिष्ठ अतिथि के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ब्रजेश सी० चौधरी मौजूद थे | इस अवसर पर कुलसचिव कर्नल राजीव कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक श्रीमती रश्मि त्रिपाठी, भौतिकी विभाग के प्राध्यापकगण के विद्यार्थीगण के साथ अन्य विभागों के प्राध्यापक एवं छात्र तथा छात्राएँ मौजूद थे।
उद्घाटन समारोह के बाद मुख्य वक्ता के रूप में डॉ० आलोक बनर्जी ने संगोष्ठी के विषय पर कई रोचक तथ्यों को साझा करते हुए मगेंटिक फर्स्ट – आर्डर फेज ट्रांसिशन्स और उसके प्रभावों को बताया | वहीँ प्रोफेसर ब्रजेश चौधरी ने अंडरस्टैंडिंग थे फंडामेंटल कंस्टीटूएंट्स ऑफ दी यूनिवर्स : ब्रिक बाय ब्रिक विषय पर अपना व्याख्यान दिया। भौतिकी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर वेंकटेश सिंह ने अपने भाषण में उपस्थित लोगों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए संगोष्ठी के उद्देश्यों एवं क्रियकलापों को साझा किया।संगोष्ठी के समन्वयक एवं सहायक प्राध्यापक डॉ० रोहित आर शाही ने संगोष्ठी के विषय और उसकी प्रासंगिता को बताया जबकि धन्यवाद् ज्ञापन विभाग के ही सहायक प्राध्यापक डॉ० बुधेंद्र कुमार सिंह ने प्रस्तुत किया।
ज्ञात हो कि तीन – दिवसीय संगोष्ठी में तीन मुख्य वक्ताओं के साथ देश भर से आए वैज्ञानिकों द्वारा 17 आमंत्रित व्याख्यान प्रस्तुत किए जायेंगे | वहीँ इस संगोष्ठी में वसेडा यूनिवर्सिटी जापान के प्रोफेसर अतसुशी फूजीमोरी द्वारा एक विशेष व्याख्यान भी आकर्षण का केंद्र हैं | शोधार्थी एवं विद्यार्थियों द्वारा भौतिक एवं परमाणु विज्ञान पर आधारित शोध कार्यों को पोस्टर प्रेजेंटेशन के माध्यम से भी प्रदर्शित किया गया।

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