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डिजिटल पेपर लेश लाॅटरी 0 TO 9 से सैकड़ों खाक और दर्जनों की वारे न्यारा का खेल

डिजिटल पेपर लेश लाॅटरी 0 TO 9 से सैकड़ों खाक और दर्जनों की वारे न्यारा का खेल

बेतिया ब्यूरो रिपोर्ट:-
पश्चिम चम्पारण का बेतिया हमेशा से ही जुआ और जुआरियों का अड्डा रहा है। लाखों लोग बर्बाद हुए पर इसका नशा और लत लोगों में ऐसे लगा है कि कोई इसके वगैर ना जी सकते हैं और ना दूर रह सकते हैं। समय के साथ इसके प्रकार और रूप में बदलाव होता रहा है जैसा कि इसका कल तक एक रूप एक नम्बरी लाॅटरी के रूप में धंधा जोर शोर से बिना रोक टोक के शहर में चलता रहा है और चल रहा है परन्तु आप सभी जानकर अत्यंत अचंभित होंगे कि इस डिजिटल युग में भी लाॅटरी का स्वरूप डिजिटल हो गया है और एक नम्बरी कागज लाॅटरी की तरह ही अब 0 टू 9 तक की खेल अब मोबाइल के द्वारा ही खेलाया जा रहा है। बिल्कुल “पेपर लेश” खेल पर्यावरण को संरक्षित करते हुए व वृक्षों को बचाते हुए। और जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री का सपना भी है डिजिटल इंडिया का। उन्हीं के सपनों पर आधारित है हमारी आज की विशेष खबर।
समय के साथ और पुकार के अनुसार सभी अपने व्यवसाय में बदलाव करते हैं और इसी का एक बड़ा परिणाम है कि आज हमारे शहर में डिजिटल लाॅटरी का खेल परवान है। अब ना टिकट कटाने का झंझट और ना ही टिकट खरीद बिक्री का सबूत, बस आपके पास अपना स्मार्ट मोबाइल होना चाहिए। सारा खेल अब पेपर लेश हो गया है और डिजिटल इंडिया के तर्ज पर पूर्ण डिजिटल।
अब शुरू होती है हमारी डिजिटल खेल 0 टू 9। एक टिकट(नंबर) के लिए आपको धंधेबाज को देना है 11रूपया और किसी एक नम्बर पर अपनी बाजी लगानी है। और सूत्रों की मानें तो लगभग 1000 गरीब और हजारपति बनने के लत वाले लोग इसे खेलते हैं और इस खेल के लिए बकायदा www.goldennavratnayantra.com का बेवसाइट चलता है जिसका वर्किंग समय प्रातः 8:30 से संध्या 6:00 तक होता है। और इस खेल का कोड नाम राजा रानी रखा गया है। 11 रूपया की टिकट और लगभग प्रतिदिन 1000 खेलने वाले अर्थात 11000 का एक खेल और इसके इनाम की राशि 100 रूपया, जी सत्य सुना मात्र 100 रूपया और धंधेबाजों का मुनाफा एक राउंड का 10900 रूपया का शुद्ध मुनाफा के साथ पर यहाँ रूकिए केवल इसमें धंधेबाज ही नहीं है इसमें मुख्य कार्यालय पूना, शाखा कार्यालय पटना व बेतिया के दर्जनों धंधेबाजों के साथ इन्हें संरक्षित करने वाले सफेद पोश व प्रशासनिक अधिकारियों की पूरी मंडली शामिल है जिनके गुप्त सहयोग से यह 11 रूपया का खेल दिनोंदिन चल रहा है और इसके लालच में पड़ कर हजारों घर अपने कमाई को हजारों में बनाने के झूठे ख्वाब में फंस कर बर्बाद हो रहे हैं। ऐसे कई चक्र और अधिकाधिक दांव तबाही भरा जीवन देने को लालायित रहता है। ज्यादातर इसमें कम कमाने वाले, प्रतिदिन कमाने वाले व छोटे-छोटे दुकानदार है जो हमेशा कम लागत में अपने सपनों को साकार करने की ख्वाहिश रखने वाले लोग ही खेलते हैं परन्तु मिलता क्या है सिर्फ व सिर्फ अपनी कमाई से हाथ धोने के अलावे कुछ भी नहीं।
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पटना के तीन (1)विनोद ,(2)पंकज और (3)पप्पू नाम के तीन व्यवसायियों के द्वारा यह पूरा डिजिटल खेल चलाया जाता है और उन्हीं के द्वारा पूरे बिहार में फैलाया गया है।
बेतिया शहर की बात करें तो यह खेल कावेरी होटल, छोटा रमना, पावर हाउस, बस स्टैंड, बसवरिया, मिस्कार टोली, उत्तरवारी पोखरा, संत घाट, बुलाकी सिंह चौक इत्यादि मुख्य चौकों और बाजारों में हजारों के बर्बादी का खेल चलता है। उपरोक्त सभी जगहों के खेलों का कंट्रोलिंग पावर बेतिया के इंदिरा चौक के समीप नया टोला के चुनुर मियां के पास रहता है और उसी के मातहत सारे जगहों पर स्थानीय दर्जनों दबंगों को मिलाकर 11 रूपया का खेल खुलेआम चलता है। और सारा का सारा खेल पूरी तरह मैनेज होती है जिसके कारण यदा कदा पुलिस के रहने पर भी किसी प्रकार का खौफ इन धंधेबाजों और खेलने वालों में नहीं होता है। और हो ना हो कहीं ना कहीं हमारे नामचीन तथाकथित मीडिया की भी संलिप्तता पाई जा सकती है।
कुल मिलाकर हजारों बर्बाद होते हैं और दर्जनों दबंगों की वारे न्यारे होते हैं। इसतरह डिजिटल इंडिया का पेपर लेश लाॅटरी का खेल परवान पर है।

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