श्री श्याम के कर्मयोग को जीवन में उतारना अनिवार्य:गरिमा

देवताओं में योगेश्वर कहे जाने वाले श्री श्याम सच्चे कर्मयोगी रहे हैं। भगवत गीता का उपदेश जीवन के विभिन्न समस्याओं तथा घटनाक्रम के बीच हमें जीवंत रहने की सीख देता है।उक्त बातें नप सभापति गरिमा देवी सिकारिया ने कही। वे नगर के हजारीमल धर्मशाला परिसर के श्याम मन्दिर में रविवार को श्री श्याम अखंड ज्योति पाठ का आयोजन के मौके पर जुटे श्रद्धालुओं के बीच बोल रहीं थीं। श्री श्याम मंडल बेतिया के द्वारा हजारीमल धर्मशाला मे किया गया है। पाठ वाचक श्री संदीप जी सुल्तानिया एंड ग्रुप, कोलकाता के द्वारा विभिन्न प्रकार की भीम विवाह, बर्बरीक जन्म एवं शीश दान की झांकियां कोलकाता से आये कलाकारों द्वारा प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम में 251 महिलाओ द्वारा प्रातः 9 बजे से रात्रि 8 बजे तक व्रत करते हुए श्याम बाबा का अखण्ड पाठ एवं गुणगान किया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान फलाहार एवं कार्यक्रम के बाद 2000 भक्तों का विशाल भंडारा का आयोजन भी किया गया है। कार्यक्रम के प्रमुख आयोजक गोकुल मोटानी, मुरारी जगनानी, विकास बंका, सुमित खेतान, रेणु पोद्दार रहे। कार्यक्रम में सभापति गरिमा देवी सिकारिया, मारवाड़ी सम्मेलन के अध्य्क्ष विश्व्नाथ झुनझुनवाला, संजय जैन, पवन केशान इत्यादि अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।