सासाराम
रोहतास जिला की खूबसूरत धरोहर शानो शौकत से खड़े शेरशाह सूरी की मकबरे को संवारने के लिए कई तरह से उपाय किए गए फिर भी शेरशाह सूरी का मकबरा आज भी उसी स्थिति में है कितनों की चाहते यही कुर्बान हुई न जाने कितनी रंजिशें यहां दफन है कितने के नाम यहां की दरो दीवार पर लिखित है जो मकबरे को बेनूरी पर रोने को मजबूर करता है ऐसा ही कुछ है शेरशाह के मकबरे के साथ भारत के मशहूर शासकों में से एक शेरशाह सूरी के मकबरे से सासाराम की पहचान जुड़ी है कितनों की चाहतें यही कुर्बान हुई न जाने कितनी रंजीत से यहां दफन है जो मकबरे को बेनूरी पर पर्यटक स्थल में परिवर्तन होकर इतिहास दिखाता है भारतीय इतिहास के मध्यकालीन युग से बनी ऐतिहासिक इमारतों उसमें वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है विश्व में अपने तरीके का यह अनूठा मकबरा पानी में तैरता सा लगता है मकबरे की स्थापना की तुलना कई इतिहासकार ताजमहल से भी करते हैं लेकिन इसके तालाब और पास पड़ोस में फैली गंदगी इसकी खूबसूरती पर दाग पड़ रही है इसके प्रदूषित पानी से आसपास की आबोहवा बदतर हो चुकी है शेरशाह सूरी की मकबरे मैं रोज हजारों की संख्या में दर्शन करने के लिए लोग आते जाते हैं बताते चलें कि प्रति व्यक्ति ₹25 शुल्क टिकट के रूप में देकर शेरशाह सूरी की मकाबरे के अंदर प्रवेश कर शेरशाह की मजारों का दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करता है फिर भी इस मकबरे की साफ-सफाई तालाबों की बदबूदार पानी को हटाने के लिए अभी भी कोई सरकार की तरफ से ध्यान आकृष्ट नहीं हुई है जिसके चलते पास पड़ोस के लोगों में रोगों का भय बना रहता है