प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
समस्तीपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी एक निर्देश से कई पंचायतों में आशा आशा कार्यकर्ताओं के चयन में बड़ा पेंच फंस गया है। जानकारी के अनुसार किसी भी सरकारी सेवा में जाने से पूर्व स्वास्थ्य विभाग से जारी मेडिकल प्रमाण पत्र की मांग की जाती है। लेकिन आशा कार्यकर्ताओं के चयन में स्वास्थ्य विभाग मुखिया से शारीरिक एवं मानसिक रुप से स्वस्थ्य होने का प्रमाण पत्र की मांग कर रहा है। जबकि मुखिया द्वारा आवेदकों को मेडिकल प्रमाण पत्र जारी करने से इंकार कर रहे हैं। इससे आशा कार्यकर्ता के चयन की प्रक्रिया भी बाधित हो रही है।मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग के योजनाओं को धरातल पर उतारने एवं घर-घर पहुंचाने के उद्देश्य से हर वार्ड में आशा कार्यकर्ताओं का चयन करना है। इसके तहत आशा कार्यकर्ताओं को विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र को भी आवेदन के साथ संलग्न करना है। इसमें शैक्षणिक प्रमाण पत्र, आवासीय, जाति, परित्यक्ता, तलाकशुदा आदि का प्रमाण पत्र शामिल है। इसमें से अधिकांश प्रमाण पत्र मुखिया को निर्गत करना है।
जानकारी के मुताबिक आशा कार्यकर्ताओं के चयन के लिए आवेदिका को शारीरिक एवं मानसिक रुप से स्वस्थ्य होना अनिवार्य है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग से मेडिकल प्रमाण पत्र लेना पड़ता है। लेकिन नए निर्देश में मेडिकल प्रमाण पत्र भी मुखिया को ही निर्गत करने का प्रावधान बनाया गया है। अब ऐसी स्थिति में कई मुखिया प्रमाण पत्र जारी करने से कन्नी काट रहे हैं।बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के इस निर्देश से स्वास्थ्य अधिकारी भी परेशान हैं। हालांकि समस्तीपुर के स्वास्थ्य अधिकारी ने इसको लेकर मुख्यालय से पत्राचार कर मार्गदर्शन मांगा है।