प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
समस्तीपुर में टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत विभाग ने अब दवा दुकानदारों पर निगरानी शुरू कर दी है! निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे टीबी मरीजों को अब दवा देने पर दुकानदारों को पंजी दर्ज करनी होगी. ऐसा नहीं करने वाले दवा विक्रेताओं पर कार्रवाई की जायेगी।स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जिम्मेदारी सभी सीएस के अलावा एनसीडीओ और सहायक औषधि नियंत्रक विभाग को सौंपी है. किसी मरीज का सटीक आकलन करने के लिए. इसके तहत टीबी मरीजों से संबंधित दवाएं केवल पंजीकृत और लाइसेंस प्राप्त फार्मासिस्टों को ही बेची जानी हैं. नए निर्देशों के मुताबिक, अगर कोई फार्मासिस्ट अपनी दुकान पर आने वाले टीबी मरीजों को दवा देता है तो शेड्यूल एच वन रजिस्टर में मरीजों का ब्योरा देना होगा।इसमें मरीज को दी गई दवा के विवरण के साथ नाम, पता, मोबाइल नंबर, उम्र, दवा शुरू करने की तारीख, डॉक्टर का नाम, पंजीकरण संख्या आदि का उल्लेख करना अनिवार्य है. इसके अलावा सीएस, सीडीओ और सहायक औषधि नियंत्रक को भी समय-समय पर समीक्षा करनी होगी. ताकि यह पता लगाया जा सके कि टीबी मरीजों की संख्या और दवाओं की उपलब्धता बरकरार रखी जा रही है या नहीं. डीटीओ डॉ विशाल कुमार ने कहा कि पत्र मिला है. ऐसे में एक माइक्रोप्लान तैयार किया जा रहा है. ताकि टीबी के मरीजों को कोई परेशानी न हो।फार्मेसियों में पंजीकृत टीबी रोगियों की जांच तपेदिक प्रभाग के प्रतिनिधियों द्वारा की जाएगी. साथ ही दवा भी उपलब्ध करायी जायेगी और यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि किसी भी परिस्थिति में दवा का सेवन बंद न हो. साथ ही मरीजों का नाम यक्ष्मा निश्चय पोर्टल पर भी अपलोड कर योजना से जोड़ा जायेगा. ताकि सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं भी मरीजों को उपलब्ध करायी जा सके।