प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
समस्तीपुर जिले में बढ़ते प्रदूषण और सड़कों के किनारे खुले में फेंके जा रहे बायोमेडिकल कचरे के मामले में स्वास्थ्य प्रशासन ने पुनः एक्शन मोड में कदम उठाया है। बिना बायोमेडिकल कचरा प्रबंधन के संचालित निजी अस्पताल, अल्ट्रासाउंड जांच केंद्र, एक्सरें जांच केंद्र, पैथोलॉजीकल लैब, प्रयोगशाला, नर्सिंग होम, इत्यादि के खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्णय किया गया है, जिसमें इन संस्थानों को सील करने का आदेश है।सीएस डॉ. एसके चौधरी ने जिले के सभी निजी अस्पतालों, नर्सिंग होम, जांच केंद्रों, लैब संचालकों आदि को नोटिस जारी किया है, जिसमें उन्हें अपने-अपने संस्थानों में बायोमेडिकल कचरा प्रबंधन की व्यवस्था सुनिश्चित करने का आदेश है।इन संस्थानों के द्वारा सड़क पर खुले में बायोमेडिकल कचरा फेंका जा रहा है, जिससे वायरस और संक्रमण के खतरे बढ़ जाते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए, सीएस डॉ. एसके चौधरी ने शिकायतों पर दडात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी दी है और आवश्यकता पर अनुशासनिक एवं कानूनी कार्रवाई करने का आदान-प्रदान किया है।
इसके अलावे सीएस ने उक्त आदेश की प्रतिलिपी सभी पीएचसी प्रभारी, उपाधीक्षक, नगर आयुक्त, डीएम सहित संबंधित विभागों को भी दी गयी है।पूर्व में भी निकाला गया था आदेश बायो-मेडिकल कचरा प्रबंधन को लेकर डीएम के निर्देश पर पहले भी स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निर्देश जारी किया गया था। इस कड़ी में मोहिउद्दीननगर, विद्यापतिनगर, विभूतिपुर, खानपुर, मोहनपुर सहित अन्य प्रखंडों में जांच की गयी थी। जिसमें लगभग तीन दर्जन से अधिक निजी अस्पतालों को सील कर दिया गया था। साथ ही अगले आदेश तक अस्पताल संचालन नहीं करने का आदेश दिया गया था। लेकिन विडंबना यह रही कि उन सभी अस्पताल संचालकों ने नाम बदलकर या फिर पुराने नाम से ही कुछ दिनों के बाद अस्पतालों का संचालन करने लगा।112 के पास कचरा प्रबंधन की सुविधा ,समस्तीपुर जिला मुख्यालय सहित जिले में लगभग पांच सौ से अधिक निजी अस्पताल, नर्सिंग होम संचालित है। जबकि अल्ट्रासाउंड जांच केंद्र, एक्सरे, पैथोलॉजिकल लैब आदि का भी संचालन किया जाता है। इसकी भी संख्या सैकड़ों में होगी। लेकिन जिले में मात्र 112 निजी अस्पताल की निबंधित है। जिसके पास बायो-मेडिकल कचरा प्रबंधन की सुविधा है। बांकी सभी निजी अस्पताल व जांच केंद्र बेरोक-टोक स्वास्थ्य विभाग की मिली भगत से धड़ल्ले से संचालित हो रहा है।