ETV News 24
बिहारसमस्तीपुर

समस्तीपुर जिला के अंतर्गत कल्याणपुर व मालीनगर एवं सैदपुर दुर्गा मैया के पट खुलते ही श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, हर तरफ दुर्गा अराधना की धूम

प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार

समस्तीपुर जिला के अंतर्गत कल्याणपुर प्रखंड के कल्याणपुर दुर्गा मंदिर व मालीनगर सैदपुर दुर्गा मंदिर शारदीय नवरात्र को लेकर शनिवार को माता दुर्गा स्थान की बड़ी मैया का पट वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ भक्तों के लिए खुला। इस मौके पर श्रद्धालु नर-नारियों ने देवी के सातवें स्वरूप कालरात्रि की उपासना की।

इसके अलावे विभिन्न मंदिरों व पूजा पंडालों में देर रात निशा पूजा का अनुष्ठान होगा। इससे पहले बड़ी मैया मंदिर के पुजारी ने पष्ठी पूजा व आमंत्रण अधिवास का अनुष्ठान किया।इसके बाद 2 बजे दिन में मां का पट खोला गया। इसके बाद देवी के सप्तम स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा अर्चना के लिए भक्तों की भीड़ देवी मंदिर समेत पूजा पंडालों में लगी रही। लोगों ने लंबी लाइन में अपनी बारी आने की प्रतीक्षा की और माता की पूजा-अर्चना किया। इस संबंध में दुर्गा मैया मंदिर के मुख्य पुजारी ने बताया कि शनिवार की रात महानिशा पूजा व रविवार को महाअष्टमी व्रत होगा।नगर में जगह-जगह खूबसूरत एलईडी लाइटों से दुर्गा पूजा पण्डाल भव्य रूप से सजकर पूरी तरह से तैयार हो गये हैं। पंडाल के साथ आस पास के इलाको को भी दूर तक रंग बिरंगी बिजली लाइटों से सजाया जा रहा है। जिसे लोग देखकर आकर्षित हो रहे हैं। ऐसा ही भव्य नजारा कल्याणपुर चौक दुर्गा मंदिर, मालीनगर दुर्गा मंदिर, सैदपुर दुर्गा मंदिर स्थित दुर्गा मंदिर एवं चकमेहसी बाजार में भी दिखा जहां सड़कों को भव्य रूप से सजाया गया है।

सड़कों पर की गयी सजावट देखते ही लोग अपने मोबाइल में इस मनोरम दृश्य को कैद कर रहे हैं। पंडालों की खूबसूरती को एलईडी लाइटों ने बढ़ा दिया है। खूबसूरत कारीगरी का आकर्षण ऐसा है कि हर कदम पंडालों की ओर बढ़ रहे हैं। विद्युत सज्जा में प्रतिस्पर्धा के कारण हर पंडाल अपनी सजावट से एक-दूसरे को मात देने में लगे हैं।पूजा समितियों के मुताबिक इस बार लाइटिंग पर छोटे बल्ब से लेकर लेजर व एलईडी लाइट दुधिया रोशनी बिखेर रही हैं। बड़े-बड़े कट आउट और रंगीन बल्बों से बने गेट श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहे हैं। लाइट से कहीं कार्टून बनाया गया है तो कहीं थीम पर आधारित सज्जा की गई है। पूजा समितियों ने पंडालों की खूबसूरत सजावट की है। कई पंडालों में इस तरीके से लाइट लगाई गई है कि उसकी रोशनी कोने-कोने पर पड़ रही है। लाइटिंग के माध्यम से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश, कहीं विश्व शांति का पैगाम, कहीं पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया है। तो कहीं फूल, कार्टून और रंग-बिरंगी कलाकृतियां बनाई गई हैं। मालीनगर में तोड़नद्वार के उपर बनाया गया चन्द्रयान भी लोगों को आकर्षित कर रहा है।आज रात मां कालरात्रि स्वरूप का दर्शन-पूजन करेंगे श्रद्धालु नवरात्र के सप्तमी तिथि को मां दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा-अर्चना का विधान हैं। कालरात्रि की उपासना करने से ब्रह्मांड की सारी सिद्धियों के दरवाजे खुलने लगते हैं और तमाम असुरी शक्तियां उनके नाम के उच्चारण से ही भयभीत होकर दूर भागने लगती हैं। देवी कालरात्रि के शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है। नाम से ही जाहिर है कि इनका रूप भयानक है। सिर के बाल बिखरे हुए हैं और गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला है। अंधकारमय स्थितियों का विनाश करने वाली शक्ति हैं कालरात्रि। काल से भी रक्षा करने वाली यह शक्ति है।इस देवी के तीन नेत्र हैं। यह तीनों ही नेत्र ब्रह्मांड के समान गोल हैं। इनकी सांसों से अग्नि निकलती रहती है। यह गर्दभ की सवारी करती हैं। ऊपर उठे हुए दाहिने हाथ की वर मुद्रा भक्तों को वर देती है। दाहिनी ही तरफ का नीचे वाला हाथ अभय मुद्रा में है। बायीं तरफ के ऊपर वाले हाथ में लोहे का कांटा तथा नीचे वाले हाथ में खड्ग है। इनका रूप भले ही भयंकर हो लेकिन यह सदैव शुभ फल देने वाली मां हैं। इसीलिए यह शुभंकरी कहलायीं। कालरात्रि की उपासना करने से ब्रह्मांड की सारी सिद्धियों के दरवाजे खुलने लगते हैं और तमाम असुरी द्य शक्तियां उनके नाम के उच्चारण से ही भयभीत होकर दूर भागने लगती हैं।

Related posts

समस्याओं से छुटकारा पाने को किसानों ने बैठक कर लिया आंदोलन का निर्णय

ETV News 24

संक्रमित होने पर नकारात्मक सोच को न होने दें हावी: मनीष मौर्या

ETV News 24

मोटरसाइकिल चोर गिरफ्तार

ETV News 24

Leave a Comment