प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
समस्तीपुर : छात्राओं को तिलक- चंदन लगाकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। सभी छात्राओं को मेडल देकर सम्मानित किया गया।
डॉक्टर नीशा ने अपने वक्तव्य से सभी छात्राओं को हमेशा जागरूक करने का प्रयास किया है। हम बेटियों को शिक्षा से अधिक संस्कार की आवश्यकता है। हमें अपने गोल से ज्यादा जिंदगी को सफल बनाने में हरसंभव प्रयास करना चाहिए। हमें हर कदम पर एक- एक स्टेप आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। ध्यान और पांव का ताल मेल रखना हमेशा होगा तब तो हम बेटियों का जीवन संतुलित हो पायेगी। हमारा प्रतिस्पर्धा खुद से होना चाहिए। हमें अपने बुनियाद, रिश्तों का संजोए रखना है। हमें अपनी दिशा को निरंतर सही रास्ते पर ले चलना है। लड़कों से बिल्कुल कंपटीशन नहीं करना है। उसका और हमारा कंपटीशन अलग-अलग है। हमें डिप्रेशन/तनाव का शिकार न होना है। नारी सशक्तिकरण का सही रूप से प्रयोग किया जाए। हमें अपने बुनियाद और संस्कार में रहना है।
पुस्तकालय को संचालित करने वाली नम्रता ने अपने विनम्र भाव का परिचय देते हुए भी सब को अपने ओर आकर्षित किया। उन्होंने आगे कहा
-आप सभी को संभालने के लिए मैंने किताबों को संजोकर रखती हूँ। बुनियाद और संस्कार को देखते हुए हमें अपनी सोच को दुनिया से आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। हमें अपने संस्कारों को रखते हुए अपना नाम को दुनिया में आगे बढ़ाना है। हर विपरीत परिस्थिति को भी सकारात्मक लेना है। हमें महिलाओं के लिए कुछ कर गुजरने की सपना ने हमें यहाँ तक ले आया है। समय का सदुपयोग करके ही आप अपने नाम को ऊंचा कर सकते हैं हमारा नेशनल प्लान है “नन्ही गुड़िया”।
महाविद्यालय की छात्रा आशा ने अपने वक्तव्यों से यहाँ रोकने को जी चाहता है जैसे शब्दों से अपने व्याख्यान की शुरुआत की। अपने कॉलेज के दिनों की याद करते हुए भावुक हो जाती है। कार्यक्रम को संचालित करने में नंदनी, अंजली, मन्नु, गायत्री, आम्रपाली, राखी, पल्लवी, दीपा, ज्योति ने हरसंभव कोशिश की। वहीं इस कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए विभाग की सभी छात्रा उपस्थित थी।