रिपोर्ट:- धर्मेन्द्र कुमार सिंह
बिक्रमगंज/रोहतास। बिक्रमगंज में सोमवार से पांच दिवसीय मिश्रित मत्स्य पालन तकनीक विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई। जिसका मुख्य अतिथि के द्वारा दीप प्रज्वलित कर उदघाटन किया गया। उदघाटन के पश्चात कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ शोभा रानी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि जिले में मत्स्य पालन की अपार संभावनाएं हैं। यहां की मिट्टी मत्स्य पालन हेतु उपयुक्त है। किसानों को प्रति बीघा पंगास मछली पालन से 2 से 3 लाख रुपए की शुद्ध आमदनी मात्र 8 से 9 महीने में प्राप्त हो सकती है। किसानो को मत्स्य पालन व्यवसाय अपनाना चाहिए। मत्स्य वैज्ञानिक श्री आर के जलज ने 5 दिनों के प्रशिक्षण के विषयों की विस्तृत जानकारी किसानों को दिया। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान मत्स्य प्रजातियों की जानकारी, मत्स्य आहार की जानकारी एवं रोगों से बचाव की सभी जानकारी किसानों को दी जाएगी। डॉ रामाकांत सिंह, मृदा वैज्ञानिक ने मत्स्य पालन के साथ-साथ पशुपालन, वर्मी कंपोस्ट उत्पादन, मधुमक्खी पालन, फलदार पौधे की खेती इत्यादि का समन्वय कर समन्वित खेती करने की सलाह दी। उन्होंने मछली पालन हेतु मृदा के महत्व पर विस्तृत रूप से चर्चा किया। डॉ0 रतन कुमार ने तालाबों के अगल-बगल लगाए जाने वाले फलदार वृक्षों एवं मौसमी सब्जियों के सम्बंध में जानकारी किसानों को दिया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में विभिन्न प्रखंडों से आए हुए कुल 30 किसानो ने भाग लिया। जिसमे मुख्य रूप से किसान के रूप में गुलाब लाल सिंह, धनजी शाह, रमता प्रसाद सिंह, अमित कुमार, सुनील पासवान, अशोक कुमार सिंह, किशन कुमार, राहुल कुमार इत्यादि शामिल थे।