– मौके पर 17 सदस्यीय शाखा का हुआ गठन
प्रियांशु कुमार समस्तीपुर बिहार
भारत का छात्र फेडरेशन एसएफआई के कार्यकर्ताओं द्वारा बी. आर. बी.+2 हाई स्कूल अंदौर में एक दिवसीय सेमिनार “नई शिक्षा नीति और उसके प्रभाव” विषय पर किया गया।इस सेमिनार को एसएफआई के पूर्व जिला मंत्री साथी मनोज कुमार गुप्ता,पूर्व छात्र नेता पवन कुमार पासवान,डॉ विजय कुमार एवं जिला मंत्री आनंद कुमार ने संबोधित किया।इस सेमिनार में 2 दर्जन से अधिक छात्र-छात्राओं ने लिया हिस्सा। यह सेमिनार नौजवान नेता अरुण कुमार की देखरेख में की गई।
वक्ताओं ने सेमिनार को संबोधित करते हुए एकस्वर में निजीकरण को गलत माना।निजी शिक्षण संस्थान के होने का मतलब है शिक्षा को व्यापार बनाकर मुनाफा कमाना। स्कूलों को मर्ज करना और शिक्षा का महंगा होना इसका उदाहरण है।विश्वविद्यालयों में HEFA व राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से शिक्षा को व्यापार बनाने की साजिश है।निजीकरण से आर्थिक रूप से जूझ रहे 90% आबादी जनसंख्या शिक्षा से वंचित हो जायेगी।सामाजिक व शैक्षणिक रूप से दबे कुचले व पिछड़े जाति-वर्ग को शिक्षा से बाहर करने का यह एक षड्यंत्र है।भारत की पितृसत्तात्मक समाज में महंगी शिक्षा का मार सबसे ज्यादा महिलाओं पर पड़ने की सभी ने चिंता जताई।
NEP के तहत विदेशी निजी शिक्षण संस्थानों का भारत में निवेश एक साम्राज्यवादी नीति का हिस्सा है।शिक्षा हमारे जीवन की मूलभूत आवश्यकता है।शिक्षा से ही देश व व्यक्ति विशेष की उन्नति संभव है। ऐसे में सभी को KG से PG तक (संपूर्ण शिक्षा) गुणवत्तापूर्ण व निःशुल्क शिक्षा मुहैया कराना राज्य का कर्तव्य है।जिससे सरकारें अपना पल्ला झाड़ना चाहती हैं।पहले शिक्षण संस्थानों में कम सुविधा देकर व खराब प्रबंधन करके बदनाम किया जाता है कि यह किसी काम का नहीं फिर कॉरपोरेट हाथों में बेच दिया जाता है।
इस मौके पर इस मौके पर 17 सदस्यीय एक इकाई का गठन किया गया।जिसमें सर्वसम्मति से अध्यक्ष दिव्यांशु कुमार,सचिव अंकित कुमार,कोषाध्यक्ष प्रेम कुमार,संयुक्त सचिव राकेश कुमार व विकास कुमार,उपाध्यक्ष रघुवीर कुमार,चंदन कुमार व सिकंदर कुमार चुने गए।वहीं सदस्य के रूप में आदर्श राज,लक्की कुमार,राजमणि,नीतीश कुमार,निशांत कुमार,अक्षय कुमार विक्रम कुमार,रत्नेश कुमार एवं रौशन कुमार चुने गए।